उत्तर प्रदेश चुनाव में अपना दल की सफलता दर बड़ी पार्टियों की तुलना में बेहतर
विधानसभा चुनाव 2022 उत्तर प्रदेश चुनाव में अपना दल की सफलता दर बड़ी पार्टियों की तुलना में बेहतर
- कुर्मी-केंद्रित अपना दल पार्टी को पहले से फयदा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दलों को जहां अपने प्रदर्शन को बनाए रखने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाले अपना दल ने पिछले एक दशक में चुनावों में अपनी सफलता दर को लगातार बनाए रखा है।
अपना दल ने उत्तर प्रदेश में 17 सीटों पर चुनाव लड़ा और चुनाव आयोग द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, उसने उनमें से 12 सीटों पर जीत हासिल की।
अनुप्रिया ने 2012 के विधानसभा चुनाव में पदार्पण किया, जब उनकी पार्टी ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा और दोनों में जीत हासिल की। 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन में दो सीटों पर चुनाव लड़ा और दोनों में जीत हासिल की - सफलता दर 100 प्रतिशत। अनुप्रिया केंद्र में राज्यमंत्री बनीं। 2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल ने भाजपा के साथ गठबंधन में 11 सीटों पर चुनाव लड़ा और नौ पर जीत हासिल की। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी 2017 में उत्तर प्रदेश में केवल सात सीटें जीतने में सफल रही थी।
सफलता की राह 2019 में भी जारी रही, जब अपना दल ने फिर से दो सीटों पर चुनाव लड़ा और दोनों में जीत हासिल की। इस बीच, अपना दल दो गुटों में विभाजित हो गया - एक पटेल के नेतृत्व में और दूसरा उनकी मां कृष्णा पटेल द्वारा, जिन्होंने इन चुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया।
अपना दल कुर्मी-केंद्रित पार्टी है, जिसे अनुप्रिया पटेल के पिता सोनेलाल पटेल ने 1995 में स्थापित की थी। यह भाजपा के सबसे विश्वसनीय सहयोगियों में से एक है। अनुप्रिया ने अपनी नई सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, यह लोगों का प्यार है जो हमें आगे बढ़ाता है। हम उस विचारधारा के प्रति वफादार हैं, जिस पर मेरे पिता ने इस पार्टी की स्थापना की थी।
(आईएएनएस)