सीएम रेड्डी ने की स्वच्छ कार्यक्रम की शुरुआत, कहा- छात्राओं को मुफ्त में दिए जाएंगे ब्रांडेड सैनिटरी नैपकिन

आंध्र प्रदेश सरकार सीएम रेड्डी ने की स्वच्छ कार्यक्रम की शुरुआत, कहा- छात्राओं को मुफ्त में दिए जाएंगे ब्रांडेड सैनिटरी नैपकिन

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-05 12:30 GMT
सीएम रेड्डी ने की स्वच्छ कार्यक्रम की शुरुआत, कहा- छात्राओं को मुफ्त में दिए जाएंगे ब्रांडेड सैनिटरी नैपकिन

डिजिटल डेस्क, अमरावती। आंध्र प्रदेश सरकार ने किशोरियों और युवतियों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है, जिसके तहत सरकारी शिक्षण संस्थानों की छात्राओं को ब्रांडेड सैनिटरी नैपकिन मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को मासिक धर्म से जुड़े कलंक से निपटने, महिला व्यक्तिगत स्वच्छता को प्राथमिकता देने और सूचना के स्वस्थ संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए स्वच्छ कार्यक्रम शुरू किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, मासिक धर्म के बारे में बात करने से शर्माना नहीं चाहिए। हमें छात्राओं के बीच स्वच्छता के प्रति अधिक जागरूकता पैदा करने और सुरक्षित प्रथाओं के बारे में बताने की जरूरत है। इस पहल के तहत, राज्य सरकार सरकारी शिक्षण संस्थानों में छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण ब्रांडेड सैनिटरी नैपकिन मुफ्त में उपलब्ध कराएगी। 32 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय से राज्यभर के सभी सरकारी स्कूलों और इंटरमीडिएट कॉलेजों में 7-12 कक्षा में पढ़ने वाली लगभग 10 लाख किशोरियों को हर महीने दस सैनिटरी नैपकिन दिए जाएंगे। प्रत्येक महिला छात्र को प्रतिवर्ष कुल 120 नैपकिन आवंटित किए जाते हैं। गर्मी की छुट्टियों के दौरान भी, छात्रों को स्कूल छोड़ने से पहले उनके कोटे की आपूर्ति की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, हम एक ऐसी सरकार हैं जो दृढ़ता से मानती है कि इतिहास बदलने की शक्ति हमारे राज्य की महिलाओं के पास है, आइए हम उन्हें आगे बढ़ने में मदद करें। ब्रांडेड मुफ्त सैनिटरी उत्पादों की आपूर्ति राज्य सरकार द्वारा पी एंड जी और नाइन प्राइवेट लिमिटेड जैसे कॉर्पोरेट समूहों के साथ समझौता ज्ञापनों में प्रवेश करने का परिणाम है। हस्ताक्षरित एमओयू के माध्यम से ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों में रहने वाली लगभग 1 करोड़ महिलाओं को वाईएसआर चेयुथा रिटेल स्टोर्स पर सैनिटरी नैपकिन कम कीमतों पर बेचे जाएंगे।

प्रत्येक स्कूल में एक शिक्षका को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा, जो छात्राओं को सैनिटरी नैपकिन की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी और निपटान के सुरक्षित तरीकों के बारे में बताएगी। वह जरूरत पड़ने पर छात्राओं की मदद भी करेगी।

(आईएएनएस)

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