असंसदीय शब्दों के बाद पर्चे, पोस्टर और तख्तियों पर सदन में लगा बैन,येचुरी ने बताया लोकतंत्र पर हमला
नेताओं पर पाबंदी असंसदीय शब्दों के बाद पर्चे, पोस्टर और तख्तियों पर सदन में लगा बैन,येचुरी ने बताया लोकतंत्र पर हमला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असंसदीय शब्दों की सूची के बाद पर्चे, पोस्टर और तख्तियों पर सदन में लगे बैन को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। जानकारी के मुताबिक विपक्ष के नेता शब्दों को लेकर पहले से ही नाराज चल रहे थे,ऐसे में पोस्टर, पर्चे पर लगे प्रतिबंध ने उनकी नाराजगी को और बढ़ा दिया है। इससे ये अटकलें लगाई जाने लगी है कि विरोधी पार्टियों की नाराजगी का असर मानसून सत्र में दिखाई देगा।
सीताराम येचुरी ने कहा हम यह कहते हुए तानाशाही आदेश की निंदा करते हैं कि सांसद संसद में विरोध कार्रवाई नहीं कर सकते। सांसद नियमित रूप से हमारे लोगों से संबंधित महत्वपूर्ण मामलों पर अपनी बात रखने के लिए विरोध कार्रवाई करते हैं। संसद के कामकाज शुरू होने के बाद से यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार रहा है।
We condemn the dictatorial order stating that MPs cannot conduct protest actions in Parliament. MPs routinely conduct protest actions to make their point of view on crucial matters concerning our people. This has been their democratic right since Parliament began functioning. pic.twitter.com/B0edJuf41G
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) July 15, 2022
दरअसल लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि 18 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में सदन में पर्चे, तख्तियों पर रोक लगेगी। आपको बता दें कई दफा सासंद अपने गुस्से को इजहार करने के लिए अपनी सीट से या फिर वेल में जाकर प्लेकार्ड्स का इस्तेमाल करते थे, कई बार नेता पर्चे, योजना बिल को फाड़कर सभापति की तरफ उछालते देखे गए है, अब संसद भवन परिसर में धरना प्रदर्शन, भूख हड़ताल या किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन करने पर विराम लगा दिया हैं।
यह एकतरफा फैसला, संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले राजनीतिक दलों से परामर्श किए बिना, बेशर्मी से अलोकतांत्रिक है। इससे भी बदतर, यह संसद सत्र की शुरुआत की पूर्व संध्या पर किया जाता है।
हम केंद्र सरकार से इन अलोकतांत्रिक उपायों को तुरंत वापस लेने का आह्वान करते हैं
This unilateral decision, without consulting political parties represented in Parliament is brazenly undemocratic. Worse, this is done on the eve of the commencement of the Parliament session.
We calls upon the Union Govt to immediately withdraw these anti-democratic measurers.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) July 15, 2022
येचुरी ने सदन के बाहर गांधी की लगी तस्वीर को साझा करते लिखा है कि संसद भवन के ठीक सामने महात्मा गांधी हैं। संघर्ष के लिए हमेशा तैयार और निडर। किससे इतना भय है इस सरकार को
संसद भवन के ठीक सामने महात्मा गांधी हैं। संघर्ष के लिए हमेशा तैयार और निडर। किससे इतना भय है इस सरकार को? #लोकतंत्र pic.twitter.com/SskwgbFsVM
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) July 15, 2022
येचुरी ने कहा जितनी निकम्मी सरकार, उतनी ही डरपोक। लोकतंत्र का मखौल उड़ाया जा रहा है, इस तरह के तानाशाही आदेश निकाल कर। सांसद भवन परिसर में Protest करना सांसदों का एक राजनीतिक अधिकार है जिसका हनन हो रहा है
जितनी निकम्मी सरकार, उतनी ही डरपोक। लोकतंत्र का मखौल उड़ाया जा रहा है, इस तरह के तानाशाही आदेश निकाल कर। सांसद भवन परिसर में Protest करना सांसदों का एक राजनीतिक अधिकार है जिसका हनन हो रहा है। pic.twitter.com/s6eWsiswRB
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) July 15, 2022
सत्र शुरू होने से पहले ही ये माना जा रहा है कि विपक्षी पार्टियां कई मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर हो सकती है, और सदन में हंगामा होने के पूरे आसार है। इसलिए अब की बार असंसदीय शब्दों की नई सूची, संसद परिसर में धरने प्रदर्शन पर रोक और लोकसभा में पर्चे, पोस्टर व तख्तियों पर पाबंदी का आदेश जारी हुआ है। इसे लेकर विपक्षी नेता बुरी तरह भड़क गए हैं।