कालीचरण की गिरफ्तारी के बाद सीएम बघेल ने कहा, टिप्पणी पर साधी चुप्पी, अब उठा रहे प्रतिक्रिया पर सवाल

छत्तीसगढ़ सियासत कालीचरण की गिरफ्तारी के बाद सीएम बघेल ने कहा, टिप्पणी पर साधी चुप्पी, अब उठा रहे प्रतिक्रिया पर सवाल

Bhaskar Hindi
Update: 2021-12-30 12:30 GMT
कालीचरण की गिरफ्तारी के बाद सीएम बघेल ने कहा, टिप्पणी पर साधी चुप्पी, अब उठा रहे प्रतिक्रिया पर सवाल

डिजिटल डेस्क, रायपुर। महात्मा गांधी पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में कालीचरण को छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद हो रही राजनीति पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आईएएनएस से खास बातचीत कर कहा कि, भाजपा ने गांधी जी पर हुई टिप्पणी पर कोई निंदा नहीं की, लेकिन अब जब गिरफ्तारी हो गई तो प्रक्रिया पर सवाल उठाने लगे हैं। बीजेपी गांधी जी को अपनाना चाहती है, लेकिन गोडसे मुर्दाबाद नहीं कह सकती। धर्म संसद का आयोजन हुआ लेकिन गांधी जी को लेकर जो बात कही गई वो आपत्तिजनक थी और देशभर में निंदा होने के बाद हमने सार्वजनिक रूप से आरोपी कालीचरण की गिरफ्तारी की बात कही थी।

उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला जारी रखते हुए कहा कि, भाजपा कहे तो गोडसे मुदार्बाद, यह मुंह में राम बगल में छुरी रखते हैं, क्योंकि गांधी जी का व्यक्तित्व इतना बड़ा है कि उसे यह नकार नहीं सकते। वहीं भाजपा देश में गोड्से और सावरकर को स्थापित नहीं कर सकते, विदेश में भी सावरकर को कौन पूछेगा ? जबकि गांधी को पूरी दुनिया सुनती है। लेकिन इनके मन में जो गोड्से को लेकर प्रेम है वो उभर आता है तो प्रक्रिया के माध्यम से वह सवाल उठाते हैं।

बतौर मुख्यमंत्री क्या आप प्रधानमंत्री मोदी से भी उम्मीद करते हैं कि वे भी खुद निंदा करते हैं? इस सवाल के जवाब पर बघेल ने कहा कि, मैं तो बीजेपी से पूछ रहा हूं, वो बताए। क्योंकि बीजेपी में सब शामिल हो गए हैं चाहे कार्यकर्ता हों या प्रधानमंत्री हों। प्रधानमंत्री खुद गुजरात से आते हैं जहां से गांधी जी आते हैं, उन्हें तो और निंदा करनी चाहिए थी।

दरअसल पिछले दिनों छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुई धर्म संसद में कालीचरण ने महात्मा गांधी को लेकर अपशब्द कहे थे, उसके बाद वहां उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया और छत्तीसगढ़ की पुलिस कालीचरण की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही थी। गुरुवार की सुबह उन्हें छतरपुर जिले के खजुराहो से गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन गिरफ्तारी के बाद मामले ने इतना तूल पकड़ा की एमपी के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने न्यायिक प्रक्रिया का पालन न करने पर सवाल उठाया है।

(आईएएनएस)

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