सांसद तन्खा ने अमित शाह के मप्र के रिपोर्ट कार्ड जारी करने पर उठाए सवाल
- मध्य प्रदेश में दो दशक से भाजपा की सरकार
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 18 साल से राज्य के मुख्यमंत्री
- तन्खा ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार को दो दशक हो रहे हैं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 18 साल से राज्य के मुख्यमंत्री हैं और राज्य सरकार का रिपोर्ट कार्ड केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जारी किया। इस पर कांग्रेस के सांसद विवेक तन्खा ने एक तरफ जहां राज्य की बदहाली के लिए शिवराज सरकार को जिम्मेदार ठहराया, वहीं वे शिवराज के पक्ष में भी खड़े नजर आए।
तन्खा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''भाजपा ने 18 साल में मध्यप्रदेश को कहां से कहां पहुंचा दिया। आज मध्य प्रदेश एक फेल्ड स्टेट की श्रेणी में आता है, इसमें कोई संदेह नहीं है। अमित शाह ने रिपोर्ट कार्ड जारी कर बता दिया कि मुख्यमंत्री साइडलाइन कर दिए गए हैं और अब पूरा नियंत्रण अमित शाह का है।''
विवेक तन्खा ने कहा, ''आपने बड़े-बड़े इन्वेस्टर समिट किए, करोड़ों डॉलर के एमओयू किए, इन एमओयू का क्या हुआ? अगर ये एमओयू कामयाब होते तो आज मध्यप्रदेश के शहर बेंगलुरु और हैदराबाद की तरह आईटी हब बन गए होते।'' उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार ने सबके साथ अन्याय किया है। शिवराज सरकार ने शिक्षा व्यवस्था के साथ नौजवानों के साथ और स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ अन्याय किया है, उसके बाद यह किस चीज का रिपोर्ट कार्ड जारी किया?
तन्खा ने कहा, ''मध्य प्रदेश का रिपोर्ट कार्ड 18 साल के मुख्यमंत्री नहीं, देश के गृहमंत्री पेश कर रहे हैं। अगर मैं 18 साल का मुख्यमंत्री होता तो मैं कभी किसी गृहमंत्री को अपने राज्य में अपने रिपोर्ट कार्ड में हस्तक्षेप नहीं करने देता, क्योंकि यह 18 साल शिवराज के थे, अच्छे थे या खराब थे, लेकिन उनके ही थे। अमित शाह ने रिपोर्ट कार्ड जारी किया, इसके दो कारण हो सकते हैं। एक यह हो सकता है कि अमित शाह आप पर विश्वास नहीं करते, आपको साइडलाइन कर दिया गया है, इसलिए उन्होंने पूरी कैंपेन अपने हाथ में ले ली और दूसरा आपका सेल्फ कॉन्फिडेंस खत्म हो चुका है।''
उन्होंने कहा कि मगर उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रदेश के प्रशासनिक हेड यानी चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैंस को दो-दो बार एक्सटेंशन दिया गया है। क्या मध्यप्रदेश में कोई दूसरा अफसर काबिल नहीं है जो चीफ सेक्रेटरी बन सके? ऐसी कौन सी खासियत है उनमें, जिसके कारण आप उन्हें चीफ सेक्रेटरी बनाए हुए हैं। असल में उनकी इच्छा प्रशासन चलाने की नहीं है, उनकी इच्छा राजनीति करने की है वह पीछे से इस बात की कोशिश में लगे हैं कि किस तरह अफसर को धमकाकर शिवराज सिंह चैहान को फिर से मुख्यमंत्री बनाऊं। इसलिए जब दो दिन पहले वह कोर्ट के सामने गए तो कोर्ट ने क्या बोला उनको, चीफ सेक्रेटरी बिना पढ़े पक्ष रखने आ गए। भगवान ही मालिक है। 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
तन्खा ने कहा, ''हम संविधान से चलते हैं अभी प्रधानमंत्री के इकोनामिक एडवाइजर ने बोल दिया कि अब समय आ गया है, नया संविधान बनाने का। अब वह नया संविधान लाना चाहते हैं। उस संविधान में एससी, एसटी, ओबीसी माइनॉरिटी की कोई जगह नहीं होगी। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार को यह अधिकार किसने दिया था कि वह नया संविधान बनाने की बात कहे। भाजपा की मानसिकता संविधान विरोधी है यह एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक के अधिकारों के खिलाफ हैं। कांग्रेस सरकार ने ओबीसी को जो आरक्षण दिया था उसे आरक्षण को खत्म करने का काम भाजपा ने किया है।'' इस मौके पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और तरुण भनोट ने भी संबोधित किया और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए।
आईएएनएस
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