विधानसभा चुनाव 2023: राजस्थान-एमपी में मायावती की बसपा कुछ कमाल नहीं कर पा रही, एग्जिट पोल देख पार्टी के नेताओं की उम्मीदों पर फिरा पानी, जानिए कहां खड़ी है बसपा?
- मायावती की पार्टी का बुरा हाल
- एमपी-राजस्थान में 0 पर सिमटने की संभावना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। जिसके नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। दोनों राज्यों में कुल मिलाकर 429 विधानसभा की सीटें हैं। एमपी के 230 तो राजस्थान के 199 सीटों पर वोट डाले गए हैं। इन दोनों राज्यों में मायावती की पार्टी बसपा भी चुनावी मैदान में खड़ी है लेकिन बीते दिन इन दोनों राज्यों के लिए एग्जिट पोल जारी हुए। जिसमें बसपा को शर्मनाक हार का सामना करते हुए दिखाया गया है
इन दोनों राज्यों में पार्टी को उम्मीद थी कि वो बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी लेकिन पोल की मानें तो बसपा के उम्मीदों पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। एमपी के मैदान में खुद बसपा सुप्रीमो मायावती चुनावी मैदान में उतरी थीं लेकिन इसका असर एग्जिट पोल में दिखाई तो नहीं दे रहा है। विस चुनाव में प्रचार प्रसार के दौरान मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर ही जबरदस्त पलटवार किया था लेकिन जनता उनके मुद्दे और हमले पर विश्वास नहीं जाता पाई है।
0-2 सीटों पर मिल सकती है जीत
बीते दिन एमपी के लिए जो एग्जिट पोल जारी किए गए हैं उसमें सभी पोल बसपा की हालात बेहद खराब बता रहे हैं। पोल के मुताबिक, एमपी के चुनावी नतीजों में मायावती की पार्टी 0-2 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है लेकिन उस पर भी संशय बना हुआ है। अगर एग्जिट पोल एक्जेट पोल में तब्दील होता है तो मायावती के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा क्योंकि ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी जमीन पर पसीना बहाया था और आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर मायावती को नई स्ट्रेटजी पर काम करना होगा।
दोनों पार्टियों के लिए सीमांत की सीटें अहम
एबीपी-सी वोटर एग्जिट पोल के मुताबिक, एमपी में 230 विधानसभा सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 116 मैजिक नंबर की जरूरत है। मध्य प्रदेश विधानसभा में किसी भी पार्टी के लिए 62 सीमांत सीटें सरकार गठन के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। राज्य के 230 विधानसभा क्षेत्रों में से 62 सीमांत सीटें हैं, जहां सत्ता समर्थक और सत्ता विरोधी कारक दो संभावनाओं को जन्म देते रहे हैं।
ग्वालियर-चंबल में मायावती ने भरा था हुंकार
पोल के अनुसार, अगर सीमांत सीटें सत्ता विरोधी होती हैं तो कांग्रेस को 153 से 165, भाजपा को 60 से 72 सीटें, बसपा को 0 से 4 सीटें मिल सकती है। वहीं, अन्य को 0 से 5 सीटें मिलने का अनुमान है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने ग्वालियर-चंबल के अशोक नगर, दतिया, भिंड, मुरैना, बुंदेलखंड के सागर, दमोह, छतरपुर और निवाड़ी में जनसभा को संबोधित किया था।
वहीं अगर सीमांत सीटें सत्ताधारी बीजेपी के पक्ष में आते हैं तो पूरा खेल ही बदल जाएगा। इस दौरान भाजपा को 117 से 129 सीटें, कांग्रेस को 96 से 108 सीटों पर जीत मिल सकती है। जबकि बसपा को 0 से 4 सीटें और अन्य को 0 से 5 सीटें मिलने का अनुमान है।
राजस्थान में भी बसपा कुछ कमाल नहीं कर पा रही
राजस्थान को लेकर भी एग्जिट पोल सामने आया है। एबीपी के एग्जिट पोल के अनुसार, समान वोट शेयर के भीतर 62 सीमांत सीटों में से, कांग्रेस को 23 सीटें जीतने की संभावना है, जबकि भाजपा को 34 सीटें मिल सकती है। वहीं बसपा को 3 और अन्य को 2 सीटों पर जीत मिलने की संभावना जताई गई है।
राजस्थान में भी बसपा कुछ खास कमाल नहीं दिखा पा रही है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में मायावती की पार्टी के 6 विधायक जीत कर सदन पहुंचे थे। लेकिन इस बार ऐसा कुछ होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। एबीपी सी वोटर के मुताबिक राजस्थान में बसपा को 0 सीटें मिलने का अनुमान है। बसपा को अन्य एग्जिट पोल ने भी इस प्रदेश में 0 सीट पर बढ़त बताया है। जिसमें न्यूज 24 चाणक्य, आजतक एक्सिस, रिपब्लिक मैट्रिज और टाइम्स नाऊ इटीजी जैसे चैनल्स शामिल हैं।