मध्यप्रदेश: सीएम मोहन यादव ने बदली शिवराज सिंह चौहान के जमाने की परंपरा, कहा राष्ट्रगान से किसी गान का कोई मुकाबला नहीं हो सकता

  • मुख्यमंत्री ने लिया एक्शन
  • पूर्व सीएम की बदली परंपरा
  • राष्ट्रगान को लेकर रखी अपनी बात

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-25 16:21 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बनाए एक नियम को खत्म करने की बात कही है। मोहन यादव ने इस परंपरा को गलत बताया और कहा हमें इसको रोकना होगा। इस दौरान मोहन यादव एक मंच पर मौजूद थे। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने राज्यगान के दौरान खड़े होने का नियम बनाया था। मगर शायद मोहन यादव को यह नियम रास नहीं आया और मंच से ही उन्होंने इसे खत्म करने की बात कह दी।

राष्ट्रगीत या राष्ट्रगान से बराबरी नहीं- यादव

मोहन यादव भोपाल के रविंद्र भवन में मध्यप्रदेश सिविल सेवा परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। इस दौरान जब मध्यप्रदेश का गान बजा तो उसके सम्मान के लिए अधिकारी खड़े हुए। मगर मोहन यादव ने उन्हें बैठने का इशारा कर दिया। मोहन यादव ने कहा. 'हम राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत की बराबरी मध्यप्रदेश या किसी और गाने से नहीं कर सकते हैं। हमें सिर्फ राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान के समय ही खड़ा होना चाहिए।'

राष्ट्रगान के तरह खड़े हो- नियम बन गए हैं

मोहन यादव आगे कहते हैं कि कोई विश्वविद्यालय का गान बनाता है, कोई कॉलेज का गान, तो कोई संस्थान का गान बनाता है। एक परंपरा बना दी गई है कि इन्हें भी राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान जैसा महत्व देना है, यह क्या बात हुई। हम इनकी बराबरी किसी अन्य गान से नहीं कर सकते हैं। मेरी बात आपको अटपटी लग सकती है कि पुरानी परंपरा को तोड़ कर... फलाना-ढिकाना, ठीक है यह चलता रहता है।

शिवराज सिंह चौहान ने किया था ऐलान

जिस परंपरा को मोहन यादव मध्यप्रदेश में खत्म करने की बात कह रहे हैं वह परंपरा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बनाई थी। बता दें कि मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के दौरान मध्यप्रदेश गान को खड़े होकर सम्मान देने का ऐलान किया था।

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