लोकसभा चुनाव 2024: समय पर सीटों का बंटवारा पहुंचा सकता है इंडिया गठबंधन को फायदा, इन 238 सीटों पर बीजेपी को मिल सकती है कड़ी चुनौती!

  • लोकसभा चुनाव में बचा है 3 महीने का समय
  • इंडिया गठबंधन में अब नहीं बनी सीट शेयरिंग पर बात
  • समय रहते सीट बंटवारा पहुंचा सकता है गठबंधन को फायदा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-01 14:35 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में अब केवल तीन महीने का समय बचा है। इस महामुकाबले में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को मात देने के इरादे से लगभग 30 विपक्षी दलों ने साथ आकर इंडिया गठबंधन बनाया है। विपक्षी एकता का उद्देश्य केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करना है। आम चुनाव की रणनीति बनाने के लिए इंडिया गठबंधन की अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं। हालांकि, सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। वहीं इसके उलट एनडीए गठबंधन में टिकट बंटवारे को लेकर चर्चा की शुरूआत हो गई है। समय पर चुनावी कैंपेन की शुरूआत करने के लिए जनवरी के आखिरी सप्ताह तक भाजपा उम्मीदवार तय करना भी शुरू कर देगी।

ऐसे में इंडिया गठबंधन को भी अपनी तैयारियों को गति देने की जरूरत है, जिससे वो समय रहते अपना चुनाव अभियान शुरू कर सके। अभी तक हुई चार बैठकों के बावजूद भी सीट बंटवारे को लेकर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। गठबंधन में शामिल करीब 30 दलों की महत्वकांक्षा को साधते हुए सीटों का बंटवारा करना आसान नहीं होगा। इंडिया का नेतृत्व कर रही कांग्रेस के सामने सीटों को बांटने की बहुत बड़ी और चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी है। यूपी में अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी जैसे दल कांग्रेस के सामने सीट बंटवारे को लेकर कड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं। हाल ही में अखिलेश यादव और संजय राउत ने सीट बंटवारे को लेकर जो बयान दिए हैं, उनसे साफ होता है कि गठबंधन का नेतृत्व कर रही कांग्रेस पार्टी के लिए सीट शेयरिंग करना आसान नहीं होगा। बीते दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से हिंदी पट्टी के तीन राज्य एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी थी। हालाकि इसके बावजूद भी यदि सात राज्यों में इंडिया गठबंधन अच्छे से और सही समय पर सीटों का बंटवारा करे तो उसे चुनाव में काफी फायदा पहुंच सकता है।

234 सीटों पर भाजपा को चुनौती

कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना, बिहार और बंगाल ऐसे सात राज्य हैं जहां इंडिया गठबंधन के पास बीजेपी को कड़ी टक्कर देने का मौका है। इन सात राज्यों में कुल 234 लोकसभा सीटें हैं जहां इंडिया अपने पक्ष में परिणाम ला सकती है। क्योंकि महाराष्ट्र को छोड़कर यही वो राज्य हैं जहां बीजेपी सत्ता में नहीं है। महाराष्ट्र में भी उसे पूर्ण बहुमत नहीं है यहां वो अजीत पवार और सीएम शिंदे के सहयोग से सत्ता में है। महाराष्ट्र में यूपी के बाद सबसे ज्यादा 48 लोकसभा सीटें हैं। दो गुटों में बंटी शिवसेना और भाजपा के रास्ते अलग हो चुके हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को अगर जनता का समर्थन मिलता है तो भाजपा के लिए स्थिति गंभीर होगी। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी अकेले ही काफी मजबूत हैं ऐसे में वाम दल और कांग्रेस का समर्थन भाजपा के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं होगा। बिहार की बात करें तो यहां कांग्रेस, जेडीयू और आरजेडी के गठजोड़ को काटना एनडीए के लिए मुश्किल होगा।

दक्षिण फतह करना मुश्किल

दक्षिण भारतीय राज्यों में भाजपा की स्थिति हमेशा से कमजोर रही है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पहले ही जीत हासिल कर चुकी है। इसके अलावा केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्यों में भाजपा हमेशा से ही कमजोर रही है। इन राज्यों में सीटों की संख्या की बात करें तो केरल में 20, कर्नाटक में 28, तमिलनाडु में 39 और तेलंगना में 17 लोकसभा सीटें हैं।

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