लोकसभा चुनाव 2024: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की 'हार्ड हिंदुत्व' से जीत की तैयार! करीब एक साल पहले ही उम्मीदवारों के नाम पर माथापच्ची

  • 80 के 80 सीटें जीतेंगे- सपा सुप्रीमो
  • बीजेपी की लुटिया डूब कर रहेगी- सपा

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-19 08:06 GMT

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। साल 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां कमर कसती हुई दिखाई दे रही हैं। कहा जाता है कि, 'दिल्ली की कुर्सी' उत्तरप्रदेश से होकर जाती है। ऐसा कहने का अर्थ भी है। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं। जिस पर जीत हासिल करने के लिए सभी दल एड़ी चोटी का जोर लगाते हैं क्योंकि अगर इन सीटों में से ज्यादा से ज्यादा पर जीत हासिल हो जाती है तो कहीं न कहीं दिल्ली की सत्ता पर काबिज होना आसान हो जाता है। दरअसल, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव एक साल पहले ही प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार तय करने लगे हैं ताकि समय से पहले नामों का एलान कर चुनाव को अपने पक्ष में किया जा सके।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने 12 से 14 सीटों पर उम्मीदवारों का नाम फाइनल कर लिए हैं। कहा जा रहा है कि सभी सीटों पर अगस्त से सितंबर तक नाम फाइनल हो जाएंगे। इसी के साथ अब सवाल उठने लगे हैं कि कांग्रेस और बीजेपी से तेज अखिलेश यादव चल रहे हैं क्या चुनाव से इतने दिनों पहले नामों के एलान से उन्हें फायदा मिलेगा।

यूपी लोकसभा सीट पर 'सर्वे'

लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सपा नई रणनीति के साथ मैदान में उतरती हुई दिखाई दे रही है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से जिलेवार बैठक करने को कहा है। जिसका पालन नेता कर भी रहे हैं। जिलेवार बैठक का उद्देश्य स्थानीय नेताओं से फीडबैक लेना है कि जमीन पर सत्तारूढ़ पार्टी की क्या स्थिति है। साथ ही यह भी स्थानीय नेताओं से पूछा जा रहा है कि इस लोकसभा सीट के लिए कौन सा उम्मीदवार सही रहेगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने साफ तौर पर कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी उसको ही टिकट देगी जो चुनाव को जीत सके। इसके अलावा करीब-करीब साफ हो चुका है कि मैनपुरी, कन्नौज, आजमगढ़ और फिरोजाबाद सीट 'यादव परिवार' के पास ही रहेगा।

बदायूं सीट पर पेंच फंसा

जानकारी के मुताबिक बदायूं सीट पर पेंच फंस गया है इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो लिया गया है क्योंकि इस सीट पर बीजेपी की ओर से संघमित्रा सांसद हैं, जो स्वामी प्रसाद मौर्या की बेटी हैं। फिलहाल स्वामी प्रसाद मौर्या सपा में मौजूद हैं। इस सीट से अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव भी सांसद रह चुके हैं। मुरादाबाद लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद एसटी हसन को ही चुनाव में खड़ा करने की तैयारी चल रही है। जबकि बलिया, मऊ, लखीमपुर खीरी और डुमरियागंज में भी पार्टी अपने नेताओं की करीब-करीब फाइनल सूची तैयार कर चुकी है। केवल औपचारिक एलान होना है।

80 के 80 सीटें जीतेंगे- सपा सुप्रीमो

लोकसभा चुनाव को देखते हुए अखिलेश यादव बीजेपी पर लगातार हमला बोल रहे हैं और दावा कर रहे हैं की साल 2024 के चुनाव में बीजेपी की लुटिया डूब कर रहेगी। हाल ही में सपा सुप्रीमो ने दावा किया था कि, लोकसभा चुनाव में हम 80 के 80 सीटें जीतेंगे। जिस पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा था कि, दिन में यादव सपने न देखें क्योंकि ऐसा तो कुछ नहीं होने जा रहा है। इसके अलावा अखिलेश ने सॉफ्ट हिंदुत्व का जिक्र कर कहा था, "सॉफ्ट हिंदुत्व के रास्ते पर जाने की हमारे लिए बात हो रही है। हम पहले से सॉफ्ट हैं अब हार्ड होने की जरूरत है क्योंकि अब ये सॉफ्ट वाला मामला नहीं चलेगा। सॉफ्ट होगे तो मारे जाओगे हार्ड होगे तो मार भगाएंगे।"

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