सार्वजनिक विवाद: कर्नाटक पुलिस ने जनता दर्शन हंगामे के सिलसिले में भाजपा सांसद, कांग्रेस विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की
- कर्नाटक पुलिस ने 25 सितंबर को आयोजित हुआ जनता दर्शन
- कांग्रेस विधायक नारायणस्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज
- भाजपा सांसद मुनिस्वामी और बंगारपेट
- कार्यक्रम में सार्वजनिक विवाद
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक पुलिस ने 25 सितंबर को आयोजित जनता दर्शन कार्यक्रम में सार्वजनिक विवाद के सिलसिले में भाजपा सांसद मुनिस्वामी और बंगारपेट से कांग्रेस विधायक नारायणस्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष बालाजी ने नारायणस्वामी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जबकि, कांग्रेस विधायक ने मुनीस्वामी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने शनिवार को कहा कि उनसे पूछताछ करने की तैयारी की जा रही है। 27 सितंबर को कोलार लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले मुनिस्वामी ने घटना के संबंध में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत को एक शिकायत सौंपी थी। शिकायत शहरी विकास और नगर नियोजन मंत्री बिरथी सुरेश, नारायणस्वामी तथा एसपी एम नारायण के खिलाफ की गई थी।
मुनिस्वामी ने आरोप लगाया कि 25 सितंबर को कोलार में आयोजित जनता दर्शन में उन पर हमला किया गया और उनका अपमान किया गया। उन्होंने शिकायत की कि बिरथी सुरेश, नारायणस्वामी और नारायण ने उनके खिलाफ असंवैधानिक व्यवहार किया।
भाजपा एमएलसी चलावादी नारायणस्वामी और केशव प्रसाद समेत 30 सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की और शिकायत सौंपी। उन्होंने कहा कि उक्त लोगों ने एक जन प्रतिनिधि के साथ असंवैधानिक व्यवहार किया है, उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।
संविधान सत्ताधारी दल के साथ-साथ विपक्षी दल को भी समान अधिकार देता है। मैंने ले-आउट की स्थापना को लेकर जांच की मांग की। कोलार विधायक नारायणस्वामी और मंत्री बिरथी सुरेश ने मुझे धक्का देकर बाहर निकाला। इसलिए, मैंने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा, ''मैं, मुझे बाहर निकालने के लिए कोलार एसपी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव भी ला रहा हूं। मैं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी शिकायत करूंगा।''
कांग्रेस सरकार ने लोगों से सीधे मिलने और उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए जनता दर्शन बैठक का आयोजन किया गया था। जैसे ही मुनिस्वामी ने बताया कि मंच पर जमीन हड़पने वाला बैठा है तो बैठक कैसे हो सकती है और लोग क्या उपाय कर नारायणस्वामी को अपने पास बुला सकते हैं। इसके बाद दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया। मुनीस्वामी ने बाद में दावा किया कि नारायणस्वामी को स्वतंत्र रूप से जाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन एसपी ने उन्हें कार्यक्रम स्थल से बाहर धकेल दिया। उन्होंने दावा किया कि दलित सांसद होने के कारण उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया।
आईएएनएस
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