कांग्रेस महासचिव का हमला: जयराम रमेश ने PM मोदी के यूक्रेन दौरे पर कसा तंज, एक्स पर ट्वीट कर पूछा - मणिपुर जाएंगे या नहीं

  • कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
  • पीएम मोदी के आगामी यूक्रेन दौर पर कसा तंज
  • मणिपुर दौरे को लेकर उठाए सवाल

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-28 10:11 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के महासचिव और पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। दरअसल, उन्होंने पीएम मोदी के आगामी यूक्रेन दौरे पर तंज कसा है। कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर पीएम मोदी से सवाल पूछा है कि वह हिंसा प्रभावित मणिपुर में दौरा अपने यूरोपीय राष्ट्र की पहले या बाद में करेंगे या नहीं?

जयराम रमेश ने एक्स पर किया ट्वीट 

जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "मणिपुर के मुख्यमंत्री नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में भाग लेते हैं, जिसकी अध्यक्षता स्वयंभू गैर-जैविक प्रधानमंत्री करते हैं. फिर मणिपुर के मुख्यमंत्री उसी देवता की अध्यक्षता में भाजपा के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेते हैं. मणिपुर के लोग जो सरल प्रश्न पूछ रहे हैं, वह यह है कि क्या एन. बीरेन सिंह ने नरेंद्र मोदी से अलग-अलग मुलाकात की और मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की, जो 3 मई 2023 की रात से जल रहा है।"

कांग्रेस नेता ने अपने पोस्ट में सवाल पूछा कि क्या मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पीएम मोदी को यूक्रेन की यात्रा से पहले या बाद में बुलाया था? गौरतलब है कि मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से पीएम मोदी का एक भी बार दौरा ना करने पर हमलावर है।

24 अगस्त को यूक्रेन दौर पर रहेंगे पीएम मोदी

बता दें, पीएम मोदी 24 अगस्त को यूक्रेन दौर पर जाएंगे। इस दौरान वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात कर कई मुद्दों पर बातचीत करेंगे। यह भी मालूम हो कि साल 2022 में रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद से पीएम मोदी यहां पर पहली यात्रा करने जा रहे हैं। हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी को लगातार तीसरे बार प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी थी। देश में पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार बनने के बाद उन्होंने रूस में पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा किया था। हालांकि, तब पीएम मोदी के इस दौरे को यूक्रेन के राष्ट्रपति ने 'शांति प्रयासों के लिए विनाशकारी झटका' करार दिया था। इसके अलावा यूक्रेन-रूस युद्ध के बावजूद भारत ने रूस से तेल की खरीदी जारी रखी थी, जिस पर पश्चिम देशों ने निंदा की थी।

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