लोकसभा स्पीकर: इंडिया गठबंधन ने स्पीकर पद को लेकर खेली सियासी चाल! TDP को समर्थन देने की रखी पेशकश, BJP की बढ़ेगी मुशकीलें

  • 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव
  • इंडिया गठबंधन ने टीडीपी को बनाया मोहरा
  • स्पीकर पद पर सियासी चाल से भाजपा की बढ़ेगी टेंशन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-16 13:41 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 18 वीं लोकसभा में स्पीकर पद का चुनाव 26 जून को होने वाला है। लेकिन, इससे पहले स्पीकर पद पर खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। केंद्र की सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्ष के इंडिया गठबंधन के घटक दलों में स्पीकर के चयन पर नोकझोंक जारी है। इस बीच इंडिया गठबंधन ने एनडीए के सहयोगी को मोहरा बनाकर एनडीए के साथ सियासी चाल खेली दी। दरअसल, लोकसभा स्पीकर पद के लिए इंडिया गठबंधन के नेताओं ने चंद्र बाबू नायडू की टीडीपी को समर्थन देने की घोषणा की है। जबकि, एनडीए के प्रमुख घटक दल जेडीयू ने अपनी बात सामने रखी है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने स्पीकर पद पर अपना रूख साफ किया है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस जो कर रही है, वह ध्यान भटकाने वाला है, यह गलत है। क्योंकि परंपरा यह है कि सत्तारूढ़ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी ही स्पीकर के बारे में फैसला लेती है। बीजेपी जो भी फैसला लेगी, हम उसका समर्थन करेंगे।"

स्पीकर की मांग पर ही क्यों अड़ी है टीडीपी?

टीडीपी ने भी स्पीकर पद को लेकर अपनी बात रखी है। टीडीपी का कहना है कि लोकसभा स्पीकर के चयन पर सत्ताधारी एनडीए गठबंधन सर्वसम्मति से कैंडिडेट का विचार करेगा। इंडिया एक्सप्रेस से बातचीत में टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पट्टाभि कोमारेड्डी ने कहा, "एनडीए के सहयोगी स्पीकर पद के चुनाव को लेकर एक साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि स्पीकर के लिए उम्मीदवार कौन होगा। आम सहमति बन जाने के बाद हम उस उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे और टीडीपी समेत सभी सहयोगी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे।"

भाजपा के स्पीकर पद क्यों खास

लोकसभा में स्पीकर की दावेदारी पर टीडीपी ने अपना विकल्प खारिज नहीं किया है। इस लिहाज से देखे तो जेडीयू के रुख से भाजपा मजबूत है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा स्पीकर का पद अपने पास रखने की इच्छा में है। इसके लिए पार्टी ने एनडीए के घटक दलों से बात हो गई है। दरअसल, साल 1999 में केंद्र की सत्ता में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए सरकार थी। तब सरकार को विश्वास मत में हार के चलते सत्ता गवानी पड़ी थी। उस दौरान संसद में टीडीपी सांसद जीएमसी बालयोगी स्पीकर थे।

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