लोकसभा चुनाव 2024: पहले चरण के मतदान में मध्यप्रदेश की 6 सीटों पर भिड़ेंगे कांग्रेस-बीजेपी के महारथी, जानिए आपकी सीट पर कौन लड़ रहा है चुनाव?
- मध्यप्रदेश में पहले चरण का मतदान
- राज्य की 6 सीटों पर चुनाव
- भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों में जबरदस्त टक्कर
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान होने जा रहा है। इसी के साथ राजनीतिक पार्टी और प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार का शोर बुधवार शाम से थम गया है। देशभर में पहले चरण की वोटिंग के लिए मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, असम, महाराष्ट्र, जम्मू कशमीर, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मेघालय, त्रिपुरा, तमिलनाडु, पुडुचेरी, सिक्कम, नगालैंड, अंडमान और निकोबार, मिजोरम, मणिपुर और लक्षद्वीप जैसे राज्य शामिल हैं। इन राज्यों में पहले चरण के तहत मध्यप्रदेश की कुल छह लोकसभा सीटों पर मतदान होने जा रहा है। इनमें सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा पर मतदान । इन सीटों पर 19 अप्रैल को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। हाल ही में यह सीटें कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाइन कर रहे नेताओं के दलबदल के सिलसिले में काफी समय तक सुर्खियों में रही थी। आइए जानते हैं इनमें से किस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के किन प्रत्याशियों की चुनावी रण में टक्कर होने वाली है।
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट
राज्य में पहले चरण की इन सीटों में से सबसे हाईप्रोफाइल सीट छिंदवाड़ा माना जा रही है। दरअसल, यह सीट मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ और उनके परिवार का 44 सालों से अभेद किला रही है। इस बार भाजपा ने छिंदवाड़ा सीट पर सेंध लगाने के लिए पूरी तरह कमर कस ली है। इसके लिए पार्टी ने बीजेपी प्रत्याशी विवेक बंटी साहू को कांग्रेस प्रत्याशी और दो बार के सांसद नकुलनाथ के सामने चुनावी मैदान में उतारा है। हालांकि, पिछले दो विधानसभा चुनावों में कमलनाथ से हारने के बावजूद बीजेपी ने एक बार फिर से विवेक बंटी साहू पर भरोसा जताया है। गौरतलब है कि, बंटी साहू पहली बार लोकसभा चुनाव में अपनी किस्तम आजमाने जा रहे हैं। बीजेपी से बंटी को टिकट मिलने का मुख्य कारण कमलनाथ को अच्छे मार्जिन से टक्कर देना है। ऐसे में कांग्रेस और कमलनाथ
सीधी लोकसभा सीट
पिशाब कांड से चर्चा में आई सीधी लोकसभा सीट पर कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल का मुकाबला बीजेपी के डॉ. राजेश मिश्रा के साथ होने जा रहा है। इस सीट पर बीजेपी ने नए चेहरे पर दांव लगाया है। बीजेपी के नेता रहे केदारनाथ शुक्ला की राजनीतिक पारी पार्टी में खत्म हो चुकी है। इस वजह से वो चुनाव प्रचार से दूर हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो सीधी की पूर्व सांसद रीति पाठक भी भाजपा प्रत्याशी मिश्रा के प्रचार करने से दूरी बना चुकी हैं। दरअसल, साल 2023 में विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बनी रीति पाठक को मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था। यही कारण है कि अब वह राज्य के भाजपा नेतृत्व से नाराज चल रही है और सीधी में मिश्रा का प्रचार नहीं कर रही हैं।
जबलपुर लोकसभा सीट
यहां से भाजपा प्रत्याशी आशीष दुबे को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने दिनेश यादव को मैदान में उतारा है। इस सीट को भाजपा 7 बार से जीतती आ रही है। ऐसे में एक बार फिर से भाजपा इस पर अपनी 8वीं जीत दर्ज कर सकती है। कांग्रेस की ओर रूख करें तो यहां पर ओबीसी चेहरा होने के बावजूद दिनेश यादव को पार्टी के दिग्गजों का साथ नहीं मिल रहा है। इस लिहाज से देखे तो भाजपा प्रत्याशी की स्थिति काफी मजबूत है। जबलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे और उनकी गारंटी से आशीष दुबे को फायदा मिल सकता है।
बालाघाट लोकसभा सीट
इस सीट पर बीजेपी के टिकट से भारती पारधी पहली बार लोकसभा चुनाव के मैदान में उतर रही हैं। यहां पर उन्हें कांग्रेस के पूर्व विधायक और प्रत्याशी अशोक सरस्वार चुनौती देने वाले हैं। लेकिन, इसके बीच चुनावी मैदान में बसपा प्रत्याशी कंकर मुंजारे भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों की टेंशन बढ़ाने वाले हैं। इस वजह से बालाघाट सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है।
मंडला लोकसभा सीट
विधानसभा चुनाव में हार का स्वाद चखने के बाद भाजपा से प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते लोकसभा चुनाव के मैदान में उतर गए हैं। कांग्रेस से प्रत्याशी ओमकार सिंह मरकाम भाजपा प्रत्याशी को टक्कर दे रहे हैं। साल 2023 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डाले तो मंडला क्षेत्र में कांग्रेस का पल्ला भारी दिख रहा है। इन आंकड़ो के मुताबिक, मंडला विधानसभा की 8 सीटों में से 5 कांग्रेस और 3 बीजेपी के खाते में गई थी। ऐसे में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने की संभावनाएं हैं।
शहडोल लोकसभा सीट
भाजपा ने शहडोल सीट से मौजूदा सांसद हिमाद्री सिंह को फिर से लोकसभा प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस से एन मौके पर टिकट मिलने के बाद फंदेलाल सिंह मार्को को प्रत्याशी के रूप में चुना गया है। ऐसे में शहडोल सीट पर हिमाद्री और मार्को के बीच में कड़ी टक्कर होने वाली है। कांग्रेस से मॉर्को को टिकट में देरी होने के पीछे सही समय पर चेहरे का चयन न होना बताया जा रहा है। लोकसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग पर बीजेपी की पकड़ मजबूत। यह वजह है कि साल 2023 में शहडोल की 8 विधानसभा सीट में से 7 पर बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की थी। कांग्रेस प्रत्याशी फंदेलाल सिंह मार्को की स्थानीय लोगों के बीच अच्छी लोकप्रियता है। ऐसे में देखने यह होगा कि इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस का कौन सा फैक्टर हावी पड़ता है।