लोकसभा चुनाव 2024: नामांकन खारिज होने के खिलाफ सुनवाई की तो अराजकता फैल जाएगी- सुको
- चुनाव आयोग के नियमों का पालन करना होगा
- बिहार के जवाहर कुमार झा ने लगाई याचिका
- उचित कानूनी उपाय खोजने की अनुमति
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चुनाव में नामांकन दाखिल करना हर प्रत्याशी के लिए आवश्यक होता है। एक तय तारीख में प्रत्याशी नामांकन दाखिल करता है, लेकिन कुछ खामियों के चलते उसका नामांकन फॉर्म खारिज हो जाता है,और वह चुनावी प्रक्रिया से बाहर हो जाता है। ऐसे ही एक मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। टॉप कोर्ट ने नामांकन खारिज होने के खिलाफ लगी याचिका को खारिज करते हुए अहम टिप्पणी की। सुको ने कहा अगर सर्वोच्च अदालत चुनाव में नामांकन पत्रों की अस्वीकृति के खिलाफ याचिकाओं पर विचार करना शुरू कर दें तो अराजकता फैल जाएगी। याचिका बिहार के जवाहर कुमार झा की ओर से लगाई गई।
जवाहर कुमार झा बाकां लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना चाहते थे।उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया, लेकिन उनका नामांकन खारिज हो गया। उन्होंने इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका लगाई।
अमर उजाला के मुताबिक सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अगर हम नामांकन पत्रों की अस्वीकृति के खिलाफ संविधान के तहत अनुच्छेद 32 के तहत याचिकाओं पर विचार करना शुरू कर देंगे तो अराजकता फैल जाएगी। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि अगर हम नोटिस जारी करते हैं और मामले की सुनवाई करते हैं, तो भी यह चुनाव से परे जाएगा। आपको चुनाव आयोग के नियमों का पालन करना होगा। इसलिए हम इस याचिका की सुनवाई के इच्छुक नहीं हैं। हालांकि उन्होंने उनके अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव को उचित कानूनी उपाय खोजने की अनुमति दी।
आपको बता दें मध्य प्रदेश में भी खजुराहो लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन खारिज हो गया था। जिसे सपा के साथ इंडिया गठबंधन को भी बड़ा झटका लगा।इस पर एमपी से लेकर यूपी तक सियासत गरमा गई थी।समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे लोकतंत्र की हत्या कहा था।