मणिपुर में हिंदुस्तान, मेरी मां की हत्या, रावण के सलाहकार- वापसी के बाद कितना बदला राहुल गांधी का अंदाज, भाषण की 5 बड़ी बातों से समझें

  • सदस्यता मिलने के बाद पहली बार सांसद में बोले राहुल गांधी
  • अविश्वास प्रस्ताव पर भाषण देते हुए आक्रमक नजर आए राहुल
  • महाभारत की मिसाल का भी किया भाषण में उपयोग

Bhaskar Hindi
Update: 2023-08-09 09:08 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सदस्यता रद्द होने के लगभग एक सौ तीस दिन बाद राहुल गांधी एक बार फिर बतौर सांसद, सदन में लौटे। उनके हाव भाव, बॉडी लेंग्वेज और भाषण देने का तरीका ये बताने के लिए काफी था कि अब राहुल गांधी बदल चुके हैं। वो पहले से ज्यादा कांफिडेंट हैं, आक्रमक हैं। भाषण देते हुए झिझकते नहीं है। शब्दों का चयन करना उनके लिए मुश्किल नहीं है और न ही किसी कटाक्ष पर पलटवार करना उनके लिए अब दूर की कौड़ी रह गया है।

तकरीबन एक सौ तीस दिन बाद राहुल गांधी को संसद में बोलने का मौका मिला तो उन्होंने अपनी स्पीच में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी स्पीच में नपा तुला एग्रेशन था। किफायती डायलोग्स थे और जहां जरूरत थी वहां मायथलोजी से जुड़े हुए कुछ उदाहरण भी थे। सदन की गरिमा को ध्यान में रखते हुए कुछ जज्बात भी स्पीच में उड़ेले गए। जिसे जरूरत के मुताबिक मणिपुर का दर्द जाहिर करने के लिए पेश किया गया। आपको बताते हैं राहुल गांधी के भाषण की वो पांच बड़ी बातें जो ये इशारा कर रही हैं कि अब राहुल गांधी को इग्नोर करना सत्ता पक्ष के लिए बड़ी गलती साबित हो सकती है।

1. मणिपुर में हिंदुस्तान- अपनी स्पीच में राहुल गांधी ने मणिपुर में हो रही हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि मणिपुर में हिंदुस्तान मर रहा है और सत्ता पक्ष रोज हमारी भारत माता को मार रही है।

2. शब्दों से खेले- राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि मणिपुर में भारत माता की हत्या हुई है. इस लाइन पर स्पीकर ने टोका तो बिना झिझके राहुल गांधी ने अंदाज बदला और कहा कि मणिपुर में मेरी मां की हत्या हुई है।

3. महाभारत की मिसाल- अपने भाषण के अंत में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उनकी तुलना रावण से कर दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह रावण केवल मेघनाथ और कुंभकर्ण की सुनता था। उसी प्रकार प्रधानमंत्री मोदी भी केवल अमित शाह और अडानी इन्हीं दोनों की सुनते हैं।

4. देश की आवाज- इसके साथ ही उन्होंने अपने भाषण में मणिपुर और अन्य जगहों पर देश की जनता के साथ हो रहे अत्याचार को नजरअंदाज करने को लेकर कहा कि केंद्र सरकार पर जनता की आवाज को दबाने का आरोप लगाया।

5. जज्बाती इनपुट- राहुल गांधी ने अपनी स्पीच में 'भारत जोड़ों यात्रा' के दौरान हुई कुछ घटनाओं का भी शानदार तरीके से उपयोग किया। इस बीच मणिपुर की उन महिलाओं का दर्द भी सदन में साझा किया जिनकी आपबीती वो अपनी आंखों से देखकर आए हैं। और, उनके दर्द के गवाह भी बने हैं।

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