संदेशखाली मामला: हाईकोर्ट की बंगाल सरकार को फटकार, कहा - अगर मामले में एक फीसदी भी सच्चाई तो यह शर्मनाक
- संदेशखाली मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट की बंगाल सरकार को फटकार
- मामले को बताया शर्मनाक
- ईडी ने राज्य सरकार पर जांच में साथ न देने का लगाया आरोप
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली मामले को शर्मनाक बताते हुए बंगाल की ममता सरकार को जमकर फटकार लगाई है। मामले की मुख्य आरोपी शाहजहां शेख के खिलाफ दायर 5 जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, 'अगर इस मामले में एक परसेंट भी सच्चाई है तो यह शर्मनाक है। पूरा प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी इसके लिए नैतिक तौर पर 100% जिम्मेदार है। यह लोगों की सुरक्षा का मामला है।'
इन जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की बेंच ने सुनवाई की। चीफ जस्टिस ने कहा, मान लीजिए कि एक भी एफिडेविट सही है तो यह शर्मनाक है। पूरा प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी इसके लिए नैतिक तौर पर 100 फीसदी जिम्मेदार है। यह लोगों की सुरक्षा का मामला है। आप एससी-एसटी नेशनल कमीशन की रिपोर्ट देखेंगे तो उसमें अगर एक फीसदी भी सच है तो ये 100 फीसदी शर्मनाक है। बंगाल महिला सुरक्षा के मामले में एनसीआरबी का डेटा दिखाता है।
जांच में सहयोग नहीं कर रही सरकार - ईडी
सुनवाई में राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए वकील किशोर दत्ता ने ईडी समेत अन्य जांच एजेंसियों के जांच के तरीके पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यदि कोर्ट आदेश तो हम एक जनहित याचिका दायर कर सकते हैं कि बीते एक दशक में सीबीआई जांच के क्या रिजल्ट निकले और उन मामलों का अब तक क्या हुआ?
वहीं इस केस में ईडी की तरफ से पैरवी कर रहे केंद्र सरकार के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल धीरज त्रिवेदी ने राज्य सरकार पर सहयोग न करने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी स्थिति में केंद्रीय जांच एजेंसियां कैसे मामले की जांच आगे बढ़ा सकती हैं।
बता दें कि राज्य के संदेशखाली में महिलाओं से यौन उत्पीड़न और जमीन कब्जाने के आरोप में बंगाल पुलिस ने टीएमसी से निष्कासित नेता शेख शाहजहां को 29 फरवरी में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पुलिस ने उसे केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दिया था।