लोकसभा चुनाव 2024: हेमंत सोरेन की सर्वोच्च अदालत से गुहार, केजरीवाल के जैसे चुनाव प्रचार के लिए मांगी जमानत, जज ने कही ये बात
- हेमंत सोरेन की सर्वोच्च अदालत से गुहार
- चुनाव का हवाला देकर मांगी जमानत
- 17 मई को होगी अगली सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी से 17 मई तक जवाब देने को कहा है। कोर्ट में हेमंत सोरेन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत का जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'मेरा केस भी केजरीवाल जैसा है, चुनाव प्रचार के लिए मुझे भी जमानत चाहिए। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने दलीलें सुनने के बाद जांच एजेंसी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जबाव मांगा है।
सुनवाई की शुरूआत में कोर्ट ने कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या विवादित जमीन पर हेमंत सोरेन का कब्जा था। जिस पर सिब्बल ने कहा कि उस जमीन पर सोरेन का कब्जा नहीं था। उससे उनका कोई लेना-देना नहीं था। इसके साथ सिब्बल ने यह भी कहा कि जमीन पर जबरन कब्जे का अपराध मनी लॉन्ड्रिंग कानून के अंतर्गत नहीं आता है।
जल्द सुनवाई के लिए चुनाव का दिया हवाला
हेमंत सोरेन के वकील सिब्बल ने कोर्ट से मौजूदा लोकसभा चुनाव का हवाला देकर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई। उन्होंने 17 मई को सूचीबद्ध करने की मांग की। जिस पर कोर्ट ने 20 मई से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध करने की बात कही। इस पर सिब्बल ने कहा कि तब तक तो चुनाव का प्रचार रुक जाएगा। सिब्बल ने आगे कहा कि यदि इस मामले में उन्हें लंबी तारीख दी गई तो उनके क्लाइंट पक्षपात का शिकार हो जाएंगे। सिब्बल ने सोरेन का पक्ष रखते हुए कहा, मेरा केस भी अरविंद केजरीवाल के जैसा ही है। मुझे भी चुनाव प्रचार के लिए जमानत की आवश्यकता है। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस सप्ताह बहुत ज्यादा काम है और पहले से ही बहुत सारे मामले सूचीबद्ध हैं। शुरूआत में कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 20 मई से बदलने पर अनिच्छा जताई लेकिन कपिल सिब्बल के अनुरोध पर कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 20 से 17 मई कर दी।
बता दें कि इससे पहले हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। हाईकोर्ट के इसी आदेश को सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सोरेन ने कोर्ट से मांग की है कि जब तक उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई चले, तब तक उन्हें चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाए।