भास्कर एक्सक्लूसिव: चंपई सोरेन के बहाने बीजेपी का गढ़ ढहाना चाहते हैं हेमंत सोरेन, सरकार बनी तो 13 सीटों पर बीजेपी को होगा बड़ा नुकसान!
- चंपई सोरेन के बहाने बीजेपी का गढ़ ढहाना चाहते हैं हेमंत सोरेन
- सरकार बनी तो 13 सीटों पर बीजेपी को होगा बड़ा नुकसान!
- बुधवार को हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। झारखंड में बीते कुछ दिनों से सियासी घमासान जारी है। रांची जमीन घोटाला मामले में बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान जेएमएम के सीनियर नेता चंपई सोरेन राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे और 43 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके बाद से ही देश की सियासत में चंपई सोरेन छाए हुए हैं। चंपई सोरेन को बुधवार के दिन विधायक दल का नया नेता चुना गया। ऐसे में वे राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे।
इस बीच सियासी गलियारों में चंपई सोरेन को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री के तौर पर चुना जाना हेमंत सोरेन की सोची समझी सियासी रणनीति का हिस्सा हैं। इस नाम के जरिए बीजेपी को मात देने की बड़ी चाल चली है हेमंत सोरेन ने।
पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की रणनीति
राज्य में झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर चंपई सोरेन कोल्हान क्षेत्र से आते हैं। कोल्हान क्षेत्र में उनकी पकड़ काफी मजबूत है। इस क्षेत्र ने राज्य को अब तक तीन मुख्यमंत्री दिए हैं। भाजपा के अर्जुन मुंडा और रघुवर दास के अलावा कांग्रेस के मधु कोड़ा भी कोल्हान क्षेत्र से ही आते हैं। ये तीनों नेता प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। यह क्षेत्र बीजेपी का गढ़ माना जाता है। राजनीतिक जानकार के मुताबिक, अगर चंपई सोरेन नए सीएम बनते हैं तो कोल्हान क्षेत्र में जेएमएम पार्टी का दबदबा बढ़ेगा।
कोल्हान में चंपई की पकड़ मजबूत
साल 2019 के विधासनभा चुनाव में बीजेपी ने कोल्हान क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। हालांकि पिछले चुनाव में कोल्हान संभाग की 13 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा था। जिसके चलते राज्य में बीजेपी की सरकार नहीं बन पाई थी। ऐसे में चंपई को आगे करके सोरेन कोल्हान में जेएमएण की पकड़ को मजबूत करने की प्लानिंग कर रहे हैं। चंपई को झारखंड टाइगर के अलावा कोल्हान टाइगर के नाम से भी जाना जाता है। माना जा रहा है कि जेएमएम की ओर से चंपई को लेकर मुख्यमंत्री बनाने के फैसले से बीजेपी को इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। जानकारों के मुताबिक, सोरेन की यह रणनीति बीजेपी को उसके ही क्षेत्र में घेरने की कोशिश के तौर पर की गई है। अब चंपई सोरेन को सीएम फेस बनाकर जेएमएम कोल्हान संभाग की 13 सीटों पर अपना परचम लहराने की कोशिश में है। जानकारों के मुताबिक अगर जेएमएम की सरकार कायम रहती है और चंपई सोरेन सीएम बनते हैं तो बीजेपी की रणनीति पर जेएमएम का ये नया दांव भारी पड़ सकता है।
गौरतलब है कि बुधवार को ईडी के सामने पेश होने से पहले हेमंत सोरेन अपने विधायक के साथ एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने अपने विधायकों से दो खाली पेज पर साइन कराया। इस कागज पर कल्पना सोरेन और चंपई सोरेन के नाम को लेकर विधायकों ने समर्थन दिया। इसके बाद देर शाम चंपई सोरेन का नाम मुख्यमंत्री के लिए आगे आया।