लोकसभा चुनाव 2024: 'चम्मच से दूध पीने वाले बच्चे हैं...', राहुल गांधी पर गुलाम नबी आजाद का तंज, उमर अब्दुल्ला पर भी साधा निशाना

  • गुलाम नबी आजाद ने राहुल पर कसा तंज
  • कहा - 'चम्मच से दूध पीने वाले बच्चे हैं'
  • उमर अब्दुल्ला पर भी साधा निशाना

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-18 07:27 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला है। एक वक्त में कांग्रेस के बेहद करीबी रहने वाले गुलाम नबी ने राहुल गांधी को चम्मच से दूध पीने वाला बच्चा करार दिया है। राहुल गांधी के साथ-साथ कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को निशाने पर लिया है। डीपीएपी (डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी) अध्यक्ष ने दावा किया है कि राहुल गांधी को भाजपा शासित राज्य से लोकसभा चुनाव लड़ने में डर लग रहा है। कश्मीर के उधमपुर लोकसभा क्षेत्र इलाके में चुनावी प्रचार के दौरान गुलाम अबी आजाद ने राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला के खिलाफ यह बातें कही है।

'राजनीतिक विरासत का ले रहे हैं आनंद'

गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला पर व्यक्तिगत तौर पर काम नहीं करने और राजनीतिक विरासत का फायदा उठाने का आरोप लगाया। डीपीएपी अध्यक्ष ने कहा, "उन्होंने (राहुल गांधी) जीवन में कोई व्यक्तिगत बलिदान नहीं दिया है और वे केवल इंदिरा गांधी और शेख अब्दुल्ला जैसी हस्तियों से मिली राजनीतिक विरासत का आनंद ले रहे हैं। दोनों ने अपनी ओर से कुछ नहीं किया है।" उमर अब्दुल्ला को निशाने पर लेते हुए गुलाम नबी ने आगे कहा, "अब्दुल्ला चिनाब घाटी में डीपीएपी के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं, बीजेपी के खिलाफ नहीं। उन्हें धर्मनिरपेक्ष वोटों को विभाजित करने का काम सौंपा गया है। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया।"

'चम्मच से दूध पीने वाले बच्चे...'

डीपीएपी नेता गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी पर कई सवाल उठाते हुए उन्हें 'चम्मच से दूध पीने वाला बच्चा' बताया है। इसके अलावा उन्होंने राहुल गांधी के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने पर भी सवाल उठाया है। डीपीएपी नेता ने केरल के वायनाड जैसे सुरक्षित सीट को तवज्जो देने पर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की भाजपा से लड़ने की प्रतिबद्धता पर भी सवाल उठाए। गुलाम नबी आजाद ने कहा, "राहुल गांधी भाजपा शासित राज्यों में चुनाव लड़ने से क्यों हिचकिचा रहे हैं? वह भाजपा से लड़ने का दावा करते हैं लेकिन, उनकी हरकतें कुछ और ही संकेत देती हैं। भाजपा शासित राज्यों से क्यों भागे और अल्पसंख्यक बहुल राज्यों में क्यों शरण ली?" 

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