महादेव सट्टा ऐप मामला: छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत 21 पर एफआईआर, ईडी ने लगाया ऐप प्रमोटर्स से हवाला के जरिए पैसे लेने का आरोप

  • भूपेश बघेल की बढ़ी मुश्किलें
  • महादेव सट्टा ऐप मामले में मामला दर्ज
  • पूर्व सीएम समेत 21 लोगों पर एफआईआर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-17 12:12 GMT

डिजिटल डेस्क, रायपुर। लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है। सभी दल इस चुनावी महामुकाबले के लिए अपनी कमर कस ली है। इस बीच कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ से बुरी खबर आई है। दरअसल, राज्य की राजनांदगांव लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर एफआईआर दर्ज हुई है। महादेव सट्टा ऐप मामले में ईडी की शिकायत पर ईओडब्ल्यू (आर्थिक अनुसंधान शाखा) ने यह एफआईआर दर्ज की है। इसमें भूपेश बघेल के अलावा ऐप प्रमोटर्स समेत 21 लोगों के नाम शामिल हैं।

क्या है एफआईआर में?

ईडी की ओर से दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर रवि उप्पल और सौरव चंद्राकर को छत्तीसगढ़ के पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण भी प्राप्त था। प्रमोटर्स ने अपने ऊपर कार्रवाई रोकने के लिए इन सभी को नियमित रूप से प्रोटेक्शन मनी के रूप में पैसा दिया गया था।

ईडी ने अपने आरोप में कहा कि महादेव ऐप के आपरेटर्स के माध्यम से हवाला से राज्य के पुलिस, प्रशासनिक और राजनीतिक लोगों को प्रोटेक्शन मनी के रूप में दिया जाता था। ईडी के मुताबिक, इन अधिकारियों और राजनेताओं ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रमोटर्स से पैसा लेकर अवैध संपत्ति अर्जित की।

इन धाराओं में दर्ज किया अपराध

ईओडब्ल्यू ने 4 मार्च को दर्ज इस प्राथमिकी में सभी आरोपियों पर आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी में धारा 120 बी, 34, 406, 420, 467, 468 471 धारा 7, 11 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथा संशोधित भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) अधिनियम 2018 के तहत अपराध दर्ज किया गया।

बता दें कि चंद्राकर और उप्पल के करीबी असीम दास को पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद रायपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया था और उसके पास से पौने तीन करोड़ रुपए बरामद किए गए थे। असीम ने अपने बयान में कहा था कि वह यह पैसे भूपेश बघेल को देने आया था। इसी दौरान असीम ने 508 करोड रुपए भूपेश बघेल तक पहुंचाने का दावा भी किया था, इसी आधार पर यह एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले पर ईओडब्ल्यू और एसीबी का कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है।

Tags:    

Similar News