लोकसभा चुनाव 2024: चुनाव आयोग की भाजपा-कांग्रेस को चेतावनी, आचार संहिता उल्लंघन पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शुरु हुई जांच
- मोदी और ठाकुर के देश के अल्पसंख्यकों को लेकर विवादित बयान
- मल्लिकार्जुन खड़गे ने उठाया चुनाव आयोग पर सवाल
- ईसी ने खड़गे के सवालों को खारिज करते लगाई फटकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर चुनाव आयोग ने देश के दो प्रमुख दलों पर चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन करने के लिये जांच शुरु की है। बता दें, प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की हेट स्पीच पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में चुनाव आयोग को जांच करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही चुनाव आयोग के वोटिंग आंकड़े पर सवाल उठने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को ईसी ने फटकार लगाई। आयोग ने इसे खारिज करते हुए भ्रम फैलाने की कोशिश बताया।
मोदी और ठाकुर के देश के अल्पसंख्यकों को लेकर विवादित बयान
लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर एक विवादित टिप्पणी कर दी थी। उन्होंने कहा था , "पहले जब इनकी ( कांग्रेस ) सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करके किसको बाटेंगे? जिनके बच्चे ज्यादा है उनको? घुसपैठियों को बांटेंगे। क्या आपको मंजूर है कि आपकी मेहनत की कमाई घुसपैठियों को दी जाए?
बताते चलें, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी शनिवार 27 अप्रैल को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि, "कांग्रेस के घोषणापत्र में कांग्रेस के हाथ के साथ विदेशी ताकतों का हाथ नजर आ रहा है। जो आपके संतान की संपत्ति मुसलमानों को देना चाहते हैं।"
इन बयानों के खिलाफ विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग में याचिका दायर की और बताया कि अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाला यह भाषण न केवल अपमानजनक है बल्कि शर्मनाक और विश्वासघाती भी है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने उठाया चुनाव आयोग पर सवाल
कांग्रेस अधयक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीते 7 मई को ईंडी अलायंस के दलों के नेताओं को पत्र लिखकर चुनाव आयोग के फाइनल वोटिंग आंकड़ों पर सवाल उठाया था। खड़गे ने कहा था कि, "पहले चुनाव आयोग 24 घंटे के भीतर यह बता देता था कि कितनी फीसदी मतदान हुई है। लेकिन इस बार देरी क्यों हो रही है। देरी के बाद भी जो डेटा आयोग ने दी उसमें कई अहम जानकारियां नहीं हैं।"
बता दें, खड़गे की चिट्ठी में तीन बातें कही थी,
1. चुनाव आयोग के अनुसार 19 अप्रैल को पहले चरण के चुनाव में 102 सीटों पर चुनाव हुआ जिसमें शाम 7 बजे तक अनुमानित मतदान 60% था। इसी तरह दुसरे चरण में 88 सीटों पर अनुमानित मतदान लगभग 60.96% था।
2. 20 अप्रैल को पहले चरण का अनुमानित मतदान प्रतिशत 65.5% जब्कि 27 अप्रैल को दुसरे चरण का डेटा 66.7% था। 30 अप्रैल को ऐसा क्या हो गया कि पहले चरण के चुनाव का अनुमानित मतदान प्रतिशत 66.14% और दुसरे चरण में 66.71% हो गए।
3.खड़गे ने दोनों चरणों के चुनाव की फाइनल वोटिंग में 5.5 की बढ़ोतरी को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि, आयोग को बताना चाहिए कि हर पोलिंग स्टेशन पर कितने प्रतिशत मतदान हुई। साथ ही उन्होंने सभी सहयोगी दलों को इस कथित गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की थी।
चुनाव आयोग ने शुरु की जांच
चुनाव आयोग ने इन दोंनो चीजों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसर जांच शुरु कर दी है। साथ ही आयोग ने खड़गे के सवालों को खारिज करते हुए उन्हें फटकार लगाई। आयोग ने इसे एक भ्रम फैलाने की साजिश बताया।