लोकसभा चुनाव 2024: चुनाव आयोग की भाजपा-कांग्रेस को आचार संहिता के उल्लंघन पर चेतावनी, मोदी- राहुल को संयम बनाने की दी नसीहत
- चुनाव आयोग का बीजेपी और कांग्रेस को नोटिस
- स्टार प्रचारकों के आचार संहिता के उल्लंघन पर चेतावनी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का आगाज कल यानी 26 अप्रैल को होने जा रहा है। इससे पहले चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की ओर से दिए गए बयानों पर आपत्ति जताते हुए नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के जरिए आयोग ने दोनों राजनीतिक दलों से नेताओं की टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण मांगा है। चुनाव आयोग ने देश में आम चुनाव के बीच नेताओं की ओर से की गई सांप्रदायिक टिप्पणी पर कटाक्ष किया है। इसे लेकर अब आयोग ने पार्टियों के स्टार प्रचारकों को नसीहत दी है कि वह चुनाव प्रचार के समय अपने भाषण में सांप्रदायिक मुद्दो को लेकर संयम बनाकर रखे। चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के संपत्ति वाले बयान को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को तलब किया है। आयोग ने नोटिस जारी करके नड्डा से 29 अप्रैल तक जवाब मांगा है। इसके अलावा कांग्रेस को भी चुनाव आयोग की ओर से राहुल गांधी के बयान को लेकर तलब किया गया है।
पीएम के बयान पर कांग्रेस का आरोप
हाल ही में कांग्रेस ने पीएम मोदी के संपत्ति वाले बयान को चुनावी मुद्दा बनाने की विफल कोशिश करार दी है। पीएम मोदी की ओर से कांग्रेस को अल्पसंख्यकों और संपत्ति जैसे मुद्दों पर पार्टी को घेरने के लिए बीजेपी पर आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि पीएम मोदी अपने बयान से जाति, धर्म, समुदाय और भाषा को ढाल बनाकर लोगों में नफरत फैलाना चाहते है।
भाजपा ने किया पलटवार
बीजेपी ने भी राहुल गांधी के बयान को लेकर चुनाव आयोग से एक्शन की मांग की। दरअसल, पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग में आचार संहिता का उल्लंघन करने के संबंध में शिकायत दर्ज की थी। बीजेपी का कहना है कि राहुल गांधी ने तमिलनाडु में आयोजित एक रैली में भाषा के आधार पर लोगों के भ्रमित करना का प्रयास किया था । नड्डा ने राहुल गांधी पर चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की और कहा राहुल हमेशा अपने भाषण के जरिए उत्तर और दक्षिण भारत को बांटने की कोशिश करते रहे हैं।
चुनाव आयोग की भाजपा-कांग्रेस को नसीहत
दरअसल, इसके पीछे का कारण है कि भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों ने एक दूसरे पर धर्म, जाति, समुदाय और भाषा को लेकर सामाजिक विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों को यह नोटिस भेजा है कि वे अपने चुनावी भाषणों में चुनावी आचार संहिता के तहत बनाए गए नियमों का पालन करें।
चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 77 के तहत पार्टी के स्टार प्रचारकों के विवादित बयानों को लेकर उनके पार्टी अध्यक्षों से जवाब मांगा है। बता दें, कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और भाजपा के जेपी नड्डा को 29 अप्रैल सुबह 11 बजे तक जवाब तलब करना होगा।
चुनाव आयोग का कहना है कि उच्च पदों पर बैठे नेताओं खासतौर पर पार्टी के स्टार प्रचारकों को अपने व्यवहार और भाषणों पर विशेष रूप से ध्यान देना की जरूरत है। अगर वह इस तरह से आचार संहिता का उल्लंघन करते रहेंगे, तो उन्हें इसके काफी गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
पीएम मोदी ने दिया था यह बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में आयोजित एक जनसभा को संबोधित किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने बयान दिया था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो वे देश की संपत्ति को घुसपैठियों और जिनकी बच्चे अधिक हैं उनके बीच बांट देगी। उनके इस बयान पर कांग्रेस तमतमा गई। इसके बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी के खिलाफ इलेक्शन कमीशन में आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। इसके लिए उन्होंने आयोग में शिकायत दर्ज करवाई थी। खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री लोगों के बीच धर्म की राजनीति और सामाजिक विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।