एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम बने रहेंगे, भाजपा ने दिया आश्वासन
डिजिटल डेस्क,मुंबई। सभी अटकलों को खारिज करते हुए भारतीय जनता पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने गुरुवार को कहा कि एकनाथ शिंदे 2024 तक अपने पूरे कार्यकाल के लिए राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
बावनकुले ने कहा, “राज्य में सत्ता परिवर्तन की सभी बातें निराधार और झूठी हैं। वह अगले साल लोकसभा और विधानसभा चुनावों तक भाजपा-शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के तीन-पक्षीय गठबंधन का नेतृत्व करेंगे।”
बावनकुले ने एनसीपी के विभाजन और अजित पवार के शिंदे की राज्य सरकार में शामिल होने के बाद बीजेपी विधायकों के भीतर किसी भी "अशांति" से इनकार किया।उन्होंने कहा, “शिंदे, फडणवीस और अजीत पवार के हाथ मिलाने से तीन दलों का गठबंधन अब एक मजबूत ताकत बन गया है। अगले साल चुनाव में हमें फायदा होगा।''एक प्रश्न के उत्तर में बावनकुले ने कहा कि एनसीपी अपने प्रमुख शरद पवार के कारण विभाजित हुई, न कि भाजपा के कारण, जैसा कि कुछ हलकों में दावा किया गया है।
उन्होंने अजित पवार के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि शरद पवार ने विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग रुख अपनाया और फिर अचानक पीछे हट गए, इसलिए, उनकी राजनीति की शैली के कारण एनसीपी टूट गई।
उन्होंने कहा, ''इसमें (विभाजन) भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। अब समय आ गया है कि शरद पवार को हर बार भाजपा पर आरोप लगाने के बजाय आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। अजित पवार ने जो कहा उससे उनके चाचा ने अपने परिवार के सदस्यों को भी नहीं बख्शा। यह चौंकाने वाली बात है कि उन्होंने (शरद पवार) परिवार और अपनी पार्टी के साथ राजनीति की।'उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि अजित पवार जैसे "वरिष्ठ और अनुभवी" नेता, जिन्होंने लगभग 25 वर्षों तक एनसीपी की सेवा की, को कुछ संगठनात्मक जिम्मेदारी के लिए भीख मांगनी पड़ी।
इस भविष्यवाणी पर कि शिवसेना के कुछ विधायक अब असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और छोड़ने की योजना बना रहे हैं, बावनकुले ने कहा कि शिंदे अपनी पार्टी को बरकरार रखने में काफी सक्षम हैं।बावनकुले ने कहा, “इन नेताओं ने (शिवसेना-यूबीटी के पूर्व मुख्यमंत्री) उद्धव ठाकरे को छोड़ दिया था और शिंदे के नेतृत्व में अपना विश्वास जताया। वे हिंदुत्व के मुद्दे पर एकजुट हैं। इसलिए शिव सेना से कोई भी दोबारा ठाकरे के साथ शामिल नहीं होगा।''
उधर, कोल्हापुर से भाजपा नेता समरजीत घाटगे ने आज एनसीपी के नए मंत्री हसन मुश्रीफ के खिलाफ विरोध जताया।घाटगे और उनके समर्थकों ने मुश्रीफ के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाया था और अतीत में उनकी कथित भ्रष्ट गतिविधियों को उजागर किया था। हालांकि, घाटगे ने कहा कि वह इस मुद्दे पर बीजेपी नहीं छोड़ेंगे बल्कि पार्टी के साथ बने रहेंगे।
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