पार्टी उपाध्यक्ष का इस्तीफा: आरएलडी के एनडीए में शामिल होने के फैसले पर खुलकर सामने आई नाराजगी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने छोड़ा पद

  • आरएलडी में नाराजगी
  • राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने छोड़ा पद
  • एनडीए में शामिल होने से थे नाराज

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-01 05:20 GMT

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। हाल ही में एनडीए गठबंधन में शामिल होने वाली जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) को तगड़ा झटका लगा है। पार्टी उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दकी ने अपने पद और आरएलडी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। शाहिद सिद्दकी जयंत चौधरी के एनडीए में शामिल होने से नाराज थे और यही वजह है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ दिया। आरएलडी के पूर्व उपाध्यक्ष ने पार्टी और पद से इस्तीफे की जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी है। आपको बता दें, जयंत चौधरी के पिता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा के बाद आरएलडी ने एनडीए गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया था। गठबंधन में आरएलडी को दो लोकसभा सीटें मिली है। इसके अलावा पार्टी को एक एमएलसी सीट भी दी गई है।

एक्स पोस्ट में शाहिद सिद्दकी ने बताया कि उन्होंने पार्टी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा लेने का फैसला करने के बाद पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी को अपना त्यागपत्र भेज दिया है। एक्स पोस्ट में उन्होंने लिखा, "कल मैं ने राष्ट्रीय लोक दल की सदस्यता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की पोस्ट से अपना त्याग पत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत सिंह को भेज दिया है।" शाहिद का कहना है कि राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के एनडीए का हिस्सा बनने पर वह असमंजस में पड़ गए थे। बहुत विचार करने के बाद भी वह खुद को भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन से जोड़ने में असमर्थ रहे।

 

जयंत चौधरी का जताया आभार

एक्स पोस्ट में पद और पार्टी से इस्तीफा देने की जानकारी देने के अलावा शाहिद सिद्दकी ने जयंत चौधरी और पार्टी का आभार भी जताया। उन्होंने लिखा, "आज जब भारत का संविधान और लोकतांत्रिक ढांचा खतरे मैं है तो ऐसे में खामोश रहना पाप है। मैं जयंत जी का आभारी हूं पर भारी मन से आरएलडी से दूरी बनाने के लिए मजबूर हूं। भारत की एकता, अखंडता विकास और भाईचारा सर्वप्रिए है। इसे बचाना हर नागरिक का धर्म और जिम्मेदारी है।"

एक अन्य पोस्ट में शाहिद सिद्दकी ने लिखा, "मैंने अपना त्यागपत्र राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष मान्यनीय जयंत चौधरी को भेज दिया है। मैं खामोशी से देश के लोकतांत्रिक ढांचे को समाप्त होते नहीं देख सकता। मैं जयंत सिंह जी और आरएलडी में अपने साथियों का आभारी हूं। धन्यवाद।"

Tags:    

Similar News