लोकसभा चुनाव 2024: हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बहुकोणीय मुकाबले में देशवाली क्षेत्र अहम

  • हरियाणा में 10 लोकसभा सीट
  • एक ही चरण में होगी वोटिंग
  • देशवाली बेल्ट और उत्तरी हरियाणा में भाजपा के लिए चुनौती

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-17 08:18 GMT

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हरियाणा में देशवाली बेल्ट राजनीतिक दलों के लिए अहम है, जहां लोकसभा चुनाव में बहुकोणीय मुकाबला होने जा रहा है। राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पारंपरिक रूप से कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले जाट बहुल इस क्षेत्र में उसे कमजोर करने की कई वर्षों से कोशिशें कर रही है। इस क्षेत्र में रोहतक और सोनीपत लोकसभा क्षेत्र आते हैं।

भारतीय निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। देशभर में आम चुनाव सात चरणों में संपन्न होगा। चुनावी तारीखों की घोषणा होते ही पूरे देश में आचार संहिता लागू हो गई है। पहला चरण 19 अप्रैल, दूसरा चरण 26 अप्रैल, तीसरा चरण 7 मई, चौथा चरण 13 मई, पांचवां चरण 20 मई, छठा चरण 25 मई और सातवां चरण 1 जून को होगा। नतीजे 4 जून को आएंगे। इस देश में कुल मतदाता 96.8 करोड़ हैं। जिनमें से 49.7 करोड़ पुरुष और 47 करोड़ महिलाएं हैं। चुनाव में 1.82 करोड़ मतदाता पहली बार के मतदान करेंगे।

हरियाणा में 10 लोकसभा सीट

हरियाणा में 10 लोकसभा सीटों पर एक ही चरण में वोटिंग होगी। हरियाणा की सभी सीटों पर छठें चरण में 25 मई को वोटिंग होगी।

सरकारी समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की खबर के मुताबिक देशवाली बेल्ट और उत्तरी हरियाणा में भाजपा के लिए एक और चुनौती यह है कि इस क्षेत्र में निरस्त किए जा चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हाल में उग्र किसान आंदोलन हुआ है। उत्तरी हरियाणा में अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल निर्वाचन क्षेत्र आते हैं। पिछले आम चुनाव में भाजपा ने राज्य के बागड़ी बेल्ट में सिरसा से भी जीत हासिल की थी जहां एक वक्त में भाजपा को कमजोर माना जाता था।

वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद अशोक तंवर हाल में ‘आप’ से भाजपा में शामिल हुए हैं और इससे भी भाजपा का हौसला बढ़ सकता है। अहीरवाल बेल्ट के नाम से पहचान पाने वाले दक्षिणी हरियाणा में कांग्रेस की चुनौती आसान होने की उम्मीद नहीं है। यहां से केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह भाजपा के प्रमुख नेता हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल में कहा था कि भाजपा राज्य में सभी 10 सीटें जीतकर 2019 के अपने प्रदर्शन को दोहराने की कोशिश में है।

भाजपा नेताओं ने दावा किया कि केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार और हरियाणा में पार्टी का गठबंधन देश तथा राज्य को प्रगति के पथ पर लेकर गया है जबकि कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी जैसे कई मुद्दों को हल नहीं किया गया है। लोकसभा की 543 सीटों के लिए मतदान सात चरणों में होगा। 

आपको बता दें साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सात लोकसभा सीटें जीती थी और केवल रोहतक में उसे हार का सामना करना पड़ा था। इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) ने दो सीटें जबकि कांग्रेस ने रोहतक से जीत दर्ज की थी। उस वक्त रोहतक पर कांग्रेस की पकड़ तोड़ने में नाकाम रहने के बाद भाजपा ने हुड्डा परिवार के गढ़ में कांग्रेस को कमजोर करने के मकसद से क्षेत्र में अपनी गतिविधियां बढ़ा दीं। भाजपा का प्रदेश मुख्यालय भी रोहतक में है।

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी और उसने प्रमुख राजनीतिक घरानों के ‘‘गढ़’’ में सेंध लगाई थी। भाजपा ने हुड्डा परिवार के गढ़ माने जाने वाले रोहतक में जीत हासिल की थी जहां तत्कालीन सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को हार का स्वाद चखना पड़ा था। भाजपा ने सोनीपत से चुनावी मैदान में उतरे भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी पराजित किया था।

कांग्रेस 2019 के चुनाव में करारी हार के बाद इस बार भाजपा को कड़ी टक्कर देने की उम्मीद कर रही है। उसने आम आदमी पार्टी (आप) के साथ सीट बंटवारे का समझौता किया है जिसके तहत ‘आप’ कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस गठबंधन पर कहा, दोनों एक साथ मिलकर और मजबूती से लड़ेंगे।

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