वन नेशन-वन इलेक्शन: जानिए देश में कब से कब तक एक साथ हुए लोकसभा और विधानसभा के चुनाव?

  • वन नेशन-वन इलेक्शन प्रस्ताव को मिली मोदी कैबिनेट की मंजूरी
  • पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी
  • साल के शुरूआत में कमेटी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी थी रिपोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-19 04:12 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बीते दिन बुधवार को वन नेशन-वन इलेक्शन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अगर यह बिल उच्च और निम्न दोनों सदन से पास हो जाता है, तो देश में सभी लोकसभा सीट और सभी राज्यों की विधानसभा सीटों पर एक साथ चुनाव होने लग जाएगे। पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में 2 सितंबर, 2023 को एक साथ चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति गठित की गई थी। कमेटी ने इसी साल की शुरुआत में 18,626 पन्नों वाली अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी। रिपोर्ट में बताया गया है कि 1951 से 1967 के बीच एक साथ चुनाव हुए हैं।

वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की सराहना की। पीएम ने कहा यह हमारे लोकतंत्र को और भी अधिक जीवंत और सहभागी बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। पीएम मोदी ने वन नेशन वन इलेक्शन को आज के समय में देश की जरुरत बताया। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार वन नेशन वन इलेक्शन बिल को शीतकालीन सत्र में राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों से पास कराएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश एक चुनाव पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा यह भारतीय नागरिकों की लंबे समय से लंबित मांग थी। सभी लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार इस बिल को लेकर आई हैं। इसका कोई राजनीतिक उद्देशय नहीं है। लगातार होने वाले चुनावों से कानून व्यवस्थआ पीछे रह जाती है। यह किसी भी देश के लिए अच्छी बात नहीं है।




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