तिरुपति लड्डू विवाद: 'हे, बालाजी भगवन! क्षमा करें प्रभु', डिप्टी सीएम पवन कल्याण करेंगे 11 दिन का प्रायश्चित उपवास, मैसेज लिख लोगों से की ये खास अपील
- तिरुपति लड्डू विवाद पर कम नहीं हो रहा सियासी बवाल
- मामले में पवन कल्याण का बड़ा बयान
- रखेंगे 11 दिनों का प्रायश्चित उपवास
डिजिटल डेस्, नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशुओं की चर्बी मिली होने की रिपोर्ट सामने आने के बाद से इस पर हो रहा सियासी घमासान मचा हुआ है। अब इस मामले में राज्य के डिप्टी सीएम और अभिनेता पवन कल्याण ने बड़ा फैसला किया है। वह 11 दिन का प्रायश्चित करने जा रहे हैं जिसकी शुरुआत आज से हो रही है। उपवास पर जाने से पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर एक मैसेज लिखा।
हे, बालाजी भगवन! क्षमा करें प्रभु
अपने मैसेज में पवन कल्याण ने लिखा, "हे, बालाजी भगवन! क्षमा करें प्रभु. तिरुमाला लड्डू प्रसाद जिसे अत्यंत पवित्र माना जाता है... पिछले शासकों की अनियंत्रित प्रवृत्ति के परिणामस्वरूप अपवित्र हो गया था। पशु चर्बी के अवशेषों से दूषित हो गया था। ऐसे पाप क्रूर मन वाले ही करते हैं। इस पाप को शुरुआत में न पहचान पाना हिंदू जाति पर कलंक के जैसा है। जैसे ही मुझे पता चला कि लड्डू प्रसाद में जानवरों के अवशेष हैं, मेरा मन विचलित हो गया। मैं खुद को दोषी मान रहा हूं। मैं जन कल्याण के लिए लड़ रहा हूं। दुख इस बात का हुआ कि शुरुआत में ऐसी समस्या मेरे ध्यान में नहीं आई।"
सनातन धर्म को मानने वालों से की ये अपील
आंध्रप्रदेश के डिप्टी सीएम ने आगे लिखा, "सनातन धर्म में आस्था रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को कलियुग के देवता बालाजी के साथ हुए इस भयानक अपचार का प्रायश्चित करना चाहिए। इसी भावना के अंतर्गत मैंने प्रायश्चित आरंभ करने का निर्णय लिया है। रविवार (22 सितंबर, 2024 ) की सुबह मैं गुंटूर जिले स्थित नंबूर के श्री दशावतार वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में दीक्षा (उपवास) धारण करूंगा। 11 दिनों तक दीक्षा जारी रखने के बाद, मैं तिरुमाला श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करूंगा। 'ईश्वर... मैं आपसे विनती करता हूं कि मुझे पिछली सरकारों की ओर से आपके खिलाफ किए गए पापों के प्रक्षालन करने की शक्ति प्रदान करें।"
जनसेना प्रमुख ने कहा कि लोगों की धार्मिक भावनाओं से वे लोग खिलवाड़ करते हैं जो भगवान को नहीं मानते हैं। उन्होंने मैसेज लिखा, "केवल वे ही लोग ऐसे अपराधों में लिप्त होते हैं, जिनका ईश्वर में विश्वास नहीं होता है और पाप कर्म का कोई डर नहीं होता है। मेरा दुख यह है कि बोर्ड के सदस्य और कर्मचारी जो तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम प्रणाली का हिस्सा हैं, वे भी वहां की गलतियों का पता नहीं लगा पाते हैं। अगर उन्हें पता चलता भी है, तो वे इसके बारे में बात नहीं करते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वे उस समय के राक्षसी प्रवृत्ति वाले शासकों से डरते थे।"
'पिछली सरकार के कामों से हिंदू आहत'
डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि साक्षात वैकुंठ धाम माने जाने वाले तिरुमाला की पवित्रता, शिक्षाशास्त्र और धार्मिक कर्तव्यों की निंदा करने वाले पिछले शासकों के व्यवहार ने हिंदू धर्म का पालन करने वाले सभी लोगों को आहत किया है। वहीं, इस बात पर भी मन अत्यंत व्याकुल है कि लड्डू प्रसाद बनाने में जानवरों के अवशेष वाले घी का इस्तेमाल किया गया था। धर्म की पुनर्स्थापना की दिशा में कदम उठाने का समय आसन्न हुआ है। धर्मो रक्षति रक्षितः।