वार -पलटवार: दिल्ली एलजी वी.के. सक्सेना ने 5,000 शिक्षकों के तबादले के आदेश पर रोक लगाई ,आतिशी के दावों पर बीजेपी नेता का पलटवार

  • बीजेपी नेताओं ने की थी एलजी से मुलाकात
  • आतिशी ने आरोपों के बाद मुख्य सचिव को निर्देश दिया
  • तबादला प्रक्रिया में लगाए जा रहे है भ्रष्टाचार के आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-08 04:06 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में शिक्षकों के तबादले पर अब राजनीति होने लगी है। आप और बीजेपी एक दूसरे का विरोध कर रही है। बीजेपी शिक्षकों के तबादले वाले आदेश को आप सरकार का मनमाना रवैया बता रही है। इसे लेकर बीजेपी नेताओं और शिक्षकों ने दिल्ली उपराज्यपाल से मुलाकात कर शिकायत की। एलजी के निर्देश को बीजेपी और आप अपने अपने पक्ष में भुनााने के प्रयास में जुटे है।

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने 5,000 शिक्षकों के तबादले के आदेश पर रोक लगा दी है। एलजी ने बीते दिन रविवार को मुख्य सचिव नरेश कुमार को निर्देश दिया कि अंतरिम उपाय के तौर पर उन 5,000 शिक्षकों के तबादले के आदेश स्थगित रखे जाएं, जो 10 साल से अधिक समय से एक ही स्कूल में तैनात हैं। एलजी ने ये फैसला बीजेपी राज्य इकाई के नेताओं और शिक्षकों की शिकायत के बाद लिया है। शिक्षकों के तबादले वाले आदेश को बीजेपी ने आप सरकार का मनमाना फैसला बताकर विरोध किया।

गवर्नमेंट स्कूल्स टीचर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव अजय वीर यादव ने कहा कि एलजी के इस फैसले से हजारों शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है, जिन्हें सोमवार को अपनी मौजूदा पोस्टिंग से मुक्त कर दिया जाना था। एलजी से मुलाकात के बाद यादव ने कहा, "हमने आज दिल्ली के एलजी से मुलाकात की, जिन्होंने इस आदेश पर रोक लगाकर हमें बड़ी राहत दी है। एलजी ने कहा कि एक समिति बनाई जाएगी और तबादला नीति पर फिर से विचार किया जाएगा।

एलजी एक्शन के बाद आप नेता और दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल के निर्देश का स्वागत करते हुए इसे दिल्लीवासियों की जीत बतायाऔर सामूहिक तबादलों के आदेश के पीछे भाजपा की साजिश का आरोप लगाया। आतिशी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा,दिल्लीवालों का संघर्ष सफल हुआ, दिल्ली सरकार के स्कूलों को बर्बाद करने का BJP का षड्यंत्र फेल हो गया। 2 जुलाई को BJP ने एलजी के माध्यम से दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ा रहे 5000 टीचर्स का रातोरात ट्रांसफ़र करवा दिया था। तब मैंने हमारे शिक्षकों से, बच्चों और उनके पेरेंट्स से वादा किया था कि शिक्षा क्रांति को चोट पहुँचाने के इस षड्यंत्र को सफल नहीं होने देंगे। आज दिल्ली के लोगों की जीत हुई है, एलजी साहब को अपना ये ऑर्डर वापस लेना पड़ा है। ये BJP के लिए भी संदेश है कि, दिल्ली सरकार के स्कूलों के ख़िलाफ़ षड्यंत्र रचना बंद कर दे। सभी शिक्षकों को बधाई! सभी दिल्ली वालों को बधाई!

आपको बता दें कुछ दिन पहले ही आतिशी ने तबादला प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि 10 साल से अधिक समय से एक ही स्कूल में पढ़ा रहे 5,000 शिक्षकों के अनिवार्य तबादले पर तत्काल रोक लगाई जाए।एलजी के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए आतिशी ने एक्स पर उसी पोस्ट में रविवार को कहा, "2 जुलाई को भाजपा ने एलजी के जरिए रातों-रात दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ा रहे 5000 शिक्षकों का तबादला करवा दिया। तब मैंने अपने शिक्षकों, बच्चों और उनके अभिभावकों से वादा किया था कि हम शिक्षा क्रांति को नुकसान पहुंचाने की इस साजिश को सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने हिंदी में लिखे उसी पोस्ट में कहा, "आज दिल्ली की जनता की जीत हुई है, एलजी साहब को अपना आदेश वापस लेना पड़ा है। यह भाजपा के लिए भी संदेश है कि वह दिल्ली के सरकारी स्कूलों के खिलाफ साजिश करना बंद करे।

दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी के दावों पर पलटवार करते हुए कहा, "दिल्ली सरकार ने बिना सोचे-समझे तबादला आदेश जारी कर दिया और शिक्षकों के विरोध के बाद बहाने बनाने शुरू कर दिए। बीजेपी सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों के तबादले चिंता का विषय थे, जिसके बारे में शिक्षक अपने-अपने सांसदों के पास गए। हमने एलजी से इस बारे में चर्चा की और उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि इस संबंध में नीति बनाई जाएगी।

राजनिवास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहतर सेवा शर्तों के वास्ते लगातार प्रयास कर रहे उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्य सचिव और शिक्षा निदेशालय को शिक्षकों से संबंधित हाल के स्थानांतरण आदेशों पर सहानुभूतिपूर्ण, समग्र और निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी है. उन्होंने सुझाव दिया है कि अंतरिम तौर पर आदेशों को स्थगित रखा जाए. एलजी को विभिन्न सरकारी स्कूल शिक्षक संघों से कई ज्ञापन मिले थे और आज राज निवास में उनके प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।

 

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