सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों का भारत बंद: बसपा समेत कई आदिवासी संगठनों ने किया समर्थन, कई राज्यों में बंद का असर

  • सुप्रीम फैसले को बताया समाज को बांटने वाला फैसला
  • कई आदिवासी संगठनों ने भारत बंद का किया आह्वान
  • राजस्थान,बिहार, झारखंड में बंद का व्यापक असर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-21 04:24 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में कोटे के भीतर कोटा फैसले के खिलाफ तमाम दलित संगठनों ने भाज भारत बंद का आह्वान किया है।  बहुजन समाज पार्टी , जयस और कई आदिवासी संगठनों ने भारत बंद का समर्थन किया।

बीएसपी प्रमुख मायावती ने भारत बंद का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि बीएसपी का भारत बंद को समर्थन, क्योंकि भाजपा व कांग्रेस आदि पार्टियों के आरक्षण विरोधी षडयंत्र एवं इसे निष्प्रभावी बनाकर अन्ततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण 1 अगस्त 2024 को SC/ST के उपवर्गीकरण व इनमें क्रीमीलेयर सम्बंधी मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध इनमें रोष व आक्रोश।

इसको लेकर इन वर्गों के लोगों द्वारा आज ’भारत बंद’ के तहत सरकार को ज्ञापन देकर संविधान संशोधन के जरिए आरक्षण में हुए बदलाव को खत्म करने आदि की माँग जबरदस्त, जिसे बिना किसी हिंसा के अनुशासित व शान्तिपूर्ण तरीके से किये जाने की अपील।

एससी-एसटी के साथ ही ओबीसी समाज को भी आरक्षण का मिला संवैधानिक हक इन वर्गों के सच्चे मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनवरत संघर्ष का परिणाम है, जिसकी अनिवार्यता व संवेदनशीलता को भाजपा, कांग्रेस व अन्य पार्टियाँ समझकर इसके साथ भी कोई खिलवाड़ न करें।

 राजस्थान के सवाई माधोपुर और बारां शहर  में बंद का असर देखने को मिल रहा है। कई जिले के सरकारी और गैर सरकारी स्कूल, कॉलेज बंद है। झारखंड के गिरिडीह में देखा जा रहा है। सुबह से ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकर्ता बंद कराने के लिए सड़कों पर उतर गए। वाहनों का परिचालन पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। बंद हैं। इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं।

बिहार के जहानाबाद और सहरसा  में भारत बंद का असर, सड़कों पर जुटे समर्थक। भारत बंद समर्थकों ने एनएच-83 को बंद कर दिया है। सहरसा के थाना चौक पर भारत बंद के समर्थक जुटना शुरू हो गए हैं और सड़क जाम कर दी है। भीम आर्मी के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है।

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी भारत बंद का समर्थन किया है। आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के ख़िलाफ़ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब उसको लागू करनेवालों की मंशा सही होगी। सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेंगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा। जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं।

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