संसद भवन से हटाई मूर्ति: संसद से महापुरुषों की प्रतिमाएं हटाने को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

  • संवैधानिक विरोध प्रदर्शन नहीं होने देना चाहते पीएम
  • बेहद अपमानजनक हरकत
  • शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी और बाबासाहेब अंबेडकर की मूर्तियों

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-07 05:31 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद से प्रतिमा हटाने को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाए है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि संसद परिसर में महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को उनके मूल स्थानों से इसलिए हटाया गया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों सदनों के निकट किसी भी तरह का संवैधानिक विरोध प्रदर्शन नहीं होने देना चाहते।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "कल दोपहर 2:30 पर मैंने इस बात को हाइलाइट कि कैसे मोदी शासन छत्रपति महाराज, महात्मा गांधी और डॉ. अंबेडकर की मूर्तियों को संसद भवन के सामने स्थित विशिष्ट स्थानों से दूसरी जगह स्थानांतरित कर रहा है। मूर्तियों को हटाए जाने की तस्वीरें सामने आने के बाद, घबराहट में कल देर रात 8 बजे के बाद लोकसभा सचिवालय को इस बदलाव के लिए पूरी तरह से फर्जी और स्पष्ट रूप से मनगढ़ंत स्पष्टीकरण जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा। मूर्तियों के स्थान में बदलाव के लिए किसी भी राजनीतिक दल से कोई चर्चा नहीं हुई है।

बदलाव का असली कारण अब बताया जा सकता है। दरअसल ये मूर्तियां ही वे स्थान थे जहां पिछले 10 वर्षों से विपक्षी दल मोदी सरकार के ख़िलाफ़ शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक ढंग से विरोध प्रदर्शन करते थे - टीडीपी और जेडीयू भी इन प्रदर्शनों में शामिल होते थे। बनने जा रहे एक-तिहाई प्रधानमंत्री स्पष्ट रूप से संसद की बैठक के बगल में कोई जगह नहीं चाहते हैं जहां उनके और उनकी सरकार के खिलाफ संवैधानिक तरीके से भी विरोध प्रदर्शन हो सके। ऐसे स्टंट अब उन्हें और उनकी अस्थिर सरकार को गिरने से नहीं बचा सकते। कांग्रेस नेता रमेश ने मूर्तियों को उनके विशिष्ट स्थानों से हटाने को बेहद अपमानजनक हरकत बताया।

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