इनकम टैक्स विभाग: लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर मुश्किल में पड़ी कांग्रेस पार्टी, आयकर विभाग ने लगाया 1700 करोड़ का जुर्माना
- कांग्रेस पार्टी को एक और झटका
- आयकर विभाग ने लगाया 1700 करोड़ का जुर्माना
- पार्टी के वकील विवेक तन्खा ने दी जानकारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वित्तीय रूप से पार्टी को एक बार फिर जोरदार झटका लगा है। दिल्ली के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर 135 करोड़ वसूलने के बाद आयकर विभाग ने कांग्रेस को करीब 1700 करोड़ का नया नोटिस थमा दिया है। आईटी विभाग ने यह जुर्माना 2017 से 2021 के बीच टैक्स पुनर्मूल्यांकन के आधार पर भेजा है। जानकारी के मुताबिक, टैक्स पुनर्मूल्यांकन के बाद आयकर विभाग की तरफ से भेजे गए 1700 करोड़ रुपये के नोटिस में जुर्माना के साथ-साथ ब्याज भी शामिल है। बता दें कांग्रेस ने पुनर्मूल्यांकन की कार्रवाई को रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दी थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
1700 करोड़ का नोटिस
कांग्रेस पार्टी को झटका देते हुए आयकर विभाग ने एक और नोटिस थमा दी है। पार्टी के वकील और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने इनकम टैक्स विभाग के तरफ से भेजी गई नोटिस के संबंध में जानकारी दी है। वर्ष 2017-18 से लेकर 2020-21 के बीच के टैक्स मूल्यांकन वर्षों के लिए कांग्रेस पार्टी को यह नोटिस भेजा गया है। इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई को कांग्रेस पार्टी गैर जरूरी और लोकतंत्र के खिलाफ बता चुकी है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान देश की मुख्य विपक्षी पार्टी को जान-बूझकर टारगेट किया जा रहा है।
हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
कांग्रेस पार्टी ने साल 2017 से 2021 तक के टैक्स पुनर्मूल्यांकन को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने इनकम टैक्स विभाग की टैक्स पुनर्मूल्यांकन प्रोसिडिंग के खिलाफ दर्ज याचिका को गुरुवार (28 मार्च) को खारिज कर दिया था। इसके बाद विभाग ने 1700 करोड़ की ताजा नोटिस भेजी है। पार्टी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि टैक्स पुनर्मूल्यांकन पर ज्यादा से ज्यादा छह साल की समय सीमा लागू होती है। आईटी विभाग ज्यादा से ज्यादा छह वर्षों का ही टैक्स पुनर्मूल्यांकन कर सकती है।
मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि कांग्रेस के खातों में कई बेहिसाब लेनदेन थे। पुनर्मूल्यांकन कार्रवाई शुरू करने के लिए इनकम टैक्स विभाग के पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं जिनके आधार पर कार्रवाई शुरू की जा सकती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कोर्ट को बताया कि रिकॉर्ड में मौजूद दस्तावेज यह दिखाने के लिए काफी है कि पार्टी के पास 520 करोड़ से ज्यादा बची हुई आय है।