महाराष्ट्र: OBC- मराठा आरक्षण में गुटबाजी के आरापों पर CM शिंदे का शरद पवार को दो टूक, कहा - हम जो भी करते हैं, खुले तौर पर करते हैं

  • महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण पर गरमाई राजनीति
  • शरद पवार ने सरकार की योजनाओं पर जताया संदेह
  • मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद ने एनसीपी चीफ के आरोपों पर किया पलटवार

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-28 05:16 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य में मराठा आरक्षण पर शनिवार को बड़ा बयान दिया था। जिसमं उन्होंने कहा था कि मराठा समुदाय के समर्थन से बनने वाले शासकों को मौका मिलने पर उनके साथ कभी न्याय नहीं किया। दरअसल, सीएम शिंदे का यह बयान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार के ‘‘कोटा मुद्दे पर समुदायों के बीच दरार’’ पर चिंता जाहिर करने के बाद आया है। इसके अलावा सीएम सिंदे ने मीडिया से राज्य सरकार की लड़की बहिन और लड़का भाऊ की योजनाओं को लेकर चर्चा की। उन्होंने योजनाओं के आलोचकों पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में कठनाई डालने की कोशिश कर रहे हैं, वो सौतेले भाई हैं।

एकनाथ शिंदे का आरोपों पर पलटवार

इस दौरान मुख्यमंत्री शिंदे ने शरद पवार के आरोप को भी नकार दिया है। शरद पवार ने दावा किया था कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने मराठा और ओबीसी समाज के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठकें करके उन्हें अलग-अलग आश्वासन दिया था। इस पर मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि हम जो भी करते हैं वह स्पष्ट रूप से करते हैं। उन्होनें कहा "यह महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार ही थी, जो मराठा समुदाय को आरक्षण देने के देवेंद्र फडणवीस सरकार के फैसले का उच्चतम न्यायालय में बचाव नहीं कर सकी. एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं।" 

एनसीपी नेता के आरोपों पर सीएम शिंदे ने यह भी कहा कि राज्य में हमारी सरकार ने ओबीसी समुदाय से प्रभावित हुए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हमारी सरकार बनने के बाद हमने आरक्षण दिया। इसके अलावा हमने अतिरिक्त पदों का सृजन करके आरक्षण के लाभ के पात्र लोगों को नौकरियां दीं। शिंदे ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अगुवाई वाली महाविकास अघाड़ी दल की सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से कहा कि जो पहले सत्ता में थे, वे नीति को लागू करने से डरते थे।

शरद पवार ने सरकार की योजनाओं पर साधा निशाना 

इसके अलावा मुख्यमंत्री शिंदे ने शरद पवार को आरक्षण के मुद्दे पर पारदर्शी रु अपनाने और राजनीतिक लाभ के संबंध में अन्य पार्टी को बंधक न बनाने की हिदायत दी। सीएम ने कहा, "चुनाव आते-जाते रहते हैं। राजनीतिक लाभ के लिए किसी विशेष समुदाय का इस्तेमाल न करें।"

हाल ही में एनसीपी चीफ शरद पवार ने महाराष्ट्र की महायुती सरकार की 'लड़की बहिन' और 'लड़का भाऊ' योजनाओं की निरंतरता पर संदेह व्यक्त किया था। शरद पवार ने कहा था कि यह योजनाएं एक से दो किस्त के बाद बंद हो सकती है। इस पर शिंदे ने जवाबी हमले में कहा, "विपक्ष दोनों योजनाओं पर मिली प्रतिक्रिया को पचा नहीं पा रहा है। उन्हें अपच हो रही है... उन्हें हाजमोला लेना चाहिए। वे सौतेले भाई हैं, जो दोनों योजनाओं में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं। ‘लड़का भाऊ’ कार्यक्रम के तहत, कक्षा 12वीं पास नौकरी के आकांक्षी युवाओं को 6,000 रुपये, डिप्लोमा धारकों को 8,000 रुपये और स्नातक की डिग्री वालों को 10,000 रुपये मासिक वजीफा मिलेगा। ‘लड़की बहिन’ योजना के तहत पात्र महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये मिलेंगे।" 

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