एनडीए में जल्द होगी चिराग पासवान की एंट्री? चाचा पशुपति पारस बन सकते हैं राह का रोड़ा!
- बीजेपी से गठबंधन के लिए तैयार चिराग पासवान
- गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय से पासवान ने की मुलाकात
डिजिटल डेस्क, पटना। लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी अपना कुनबा बढ़ाने में जुट गई है। जिसका शुरूआत बिहार की राजनीति से होने जा रहा है। जानकारी है कि, बिहार के युवा नेता और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान एक बार फिर एनडीए का रुख कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार की ओर से चिराग पासवान से संपर्क साधा जा रहा है ताकि उनको अपने पाले में लाया जा सके। जानकारी ये भी है कि पार्टी प्रमुख चिराग पासवान खुद दिल्ली पहुंचे थे। जिसके बाद से ही सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं कि आम चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के साथ चिराग गठबंधन कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी के कद्दावर नेता और गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय और चिराग पासवान के बीच हाल ही में राजधानी पटना में मुलाकात हुई है। जहां दोनों वरिष्ठ नेताओं में लंबे दौर की बाचचीत हुई। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं ने बिहार की सियासत पर चर्चा की। जानकारी यह भी है कि चिराग पासवान बीजेपी के कद्दावर नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं। जिस पर अब तक चिराग पासवान की ओर से अधिकारिक तौर पर बयान सामने नहीं आया है। भाजपा और चिराग की पार्टी लोजपा में लंबे समय से गठबंधन को लेकर अटकलें चल रही हैं।
बीजेपी के साथ चिराग का गठबंधन!
कहा जा रहा है कि, चिराग पासवान की ओर से भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के सामने सीट बंटवारों को लेकर शर्त रखी गई है, जिसका अभी खुलासा नहीं हुआ है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि, पासवान ने पिछली बार की तरह ही इस बार भी चुनाव लड़ने की बात कही है। साल 2019 के आम चुनाव में लोजपा ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जिसमें पार्टी ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया था और सभी 6 सीटों पर जीत का झंडा फहराया था। बीजेपी की ओर से लोजपा को 6 सीटें और एक राज्यसभा दी गई थी। हालांकि, चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद उनके भाई पशुपति पारस ने पार्टी पर धावा बोल दिया था। जिसकी वजह से पार्टी के सभी 5 सांसद चाचा पशुपति के साथ आ गए थे। जिसके बाद चिराग पासवान ने अपनी नई पार्टी बना ली थी। जिसका नाम लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) रखा और आज के दिन में केवल चिराग ही अपनी पार्टी के सांसद हैं।
'सही समय पर बयान दूंगा'
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भाजपा गठबंधन को लेकर चिराग पासवान का कहना है कि पार्टी हाईकमान से अच्छी चर्चा हो रही है। नित्यानंद राय जी के साथ सुखद मुलाकात हुई। मेरी पार्टी ने गठबंधन को लेकर फैसला लेने का अधिकार मझे दिया है। सही समय आने के बाद मैं सार्वजनिक तौर पर बयान दूंगा।
सीट बंटवारे पर बीजेपी के लिए मुश्किल होगा?
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, पिछली बार लोजपा एक ही जगह थी। लेकिन आज की स्थिति पूरी तरह अलग है। बिहार में पासवान जाति करीब 5 फीसदी है, जिस पर रामविलास पासवान का दबदबा रहा है। हालांकि, पार्टी में दो फाड़ होने की वजह से वोटों का बंटवारा हो सकता है जिसका फायदा अन्य दलों को मिल सकता है। सियासी पंडितों का कहना है कि, अगर चिराग बीजेपी से गठबंधन कर लेते हैं तो भाजपा के लिए बड़ी मुसीबत होने वाली है क्योंकि पशुपति पारस पहले से ही एनडीए से जुड़े हुए हैं और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं। लेकिन चिराग के आने से सीटों में बंटवारा हो सकता है। विश्लेषकों का यह भी कहना है कि, बीजेपी चिराग और पशुपति पारस को पिछले लोकसभा सीटों की संख्या से संतुष्ट करने की कोशिश करेगी ताकि वो ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ सके।