उत्तरप्रदेश उपचुनाव 2024: यूपी की इन 9 विधानसभा सीटों पर होंगे उपचुनाव, जानिए किस सीट पर लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लगा झटका!

  • उत्तरप्रदेश में 9 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव
  • इन सीटों पर भाजपा को लगा झटका
  • जानिए कौन सी है वो सीटे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-18 14:28 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में लोकसभा चुनाव के समाप्त होने के बाद अब उप चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश की 9 लोकसभा सीटों पर भी चुनाव होने जा रहे हैं। दरअसल, आम चुनाव के नतीजे आने के बाद ज्यादातर राज्यों की सीटों पर समीकरण में बदलाव आ गया है। इस बार यूपी की अधिकांश सीटों पर जीत हासिल करने में समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के बीच गठबंधन सफल रहा। जबकि, साल 2022 के विधानसभा चुनाव की तुलना में भाजपा को कई सीटों पर झटका लगा है।

इस बार यूपी की फूलपुर, मझवा, मीरापुर, मिलकीपुर, करहल, कुंदरकी, गाजियाबाद, कटेहरी और खैर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। इसके साथ ही रायबरेली संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ऊंचाहार सीट पर भी उपचुनाव होने की चर्चाएं है। दरअसल, यहां से मौजूदा विधायक मनोज पांडे ने भाजपा ज्वाइन कर ली है। जिसके बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा भी सौंप दिया है। हालांकि, इस सीट से आधिकारिक तौर पर खाली होने का ऐलान नहीं किया गया है।

जानिए इन सीटों पर कौन है आगे

फूलपुर विधानसभा सीट

यहां से भाजपा नेता प्रवीण पटेल विधायक थे। इस बार उन्होंने सांसद के तौर पर जीत हासिल की है। लेकिन, पटेल की अपनी विधानसभा सीट पर पकड़ कमजोर हो गई है। लोकसभा चुनाव की गिनती में वो फूलपुर विधानसभा सीट पर ही करीब 18 हजार वोटों से पीछे रहे। साल 2022 की बात करें तो विधानसभा चुनाव में पटेल चुनाव में करीब 3 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी।

मझवा विधानसभा सीट

मझवा विधानसभा क्षेत्र मिर्जापुर लोकसभा के अंतर्गत आता है। लोकसभा चुनाव के दौरान यहां से अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल ने जीत हासिल की है। मझवा विधानसभा सीट से अनुप्रिया पटेल करीब 2000 वोटो के साथ आगे थी। इस सीट से बीजेपी के सहोयगी निषाद पार्टी के डॉ विनोद बिंद ने विधायक के तौर पर जीत दर्ज की थी। साल 2022 में बिंद ने इकरीब 33 हजार वोटों के मार्जिन के साथ जीत हासिल की थी। इस बार विनोद बिंद भदोही लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर सांसद के तौर पर चुने गए हैं। मगर, मझवा सीट से उनका दबदबा कमजोर हो गया है।

मीरापुर विधानसभा सीट

इस सीट पर रालोद पार्टी के नेता चंदन चौहान विधायक थे। इस बार उन्होंने बिजनौर लोकसभा सीट से करीब 3.5 हजार वोटों के मार्जिन से जीत हासिल की है। साल 2022 में रालोद और सपा गठबंधन के तहत चुनावी मैदान में उतरे थे। उस दौरान रालोद ने यहां से करीब 27 हजार वोटों के साथ जीत दर्ज की थी। उपचुनाव में भी भाजपा और रालोद गठबंधन के तहत चुनाव लड़ेंगे।

मिल्कीपुर विधानसभा सीट

सपा से अवधेश प्रसाद को लोकसभा चुनाव में 8 हजार वोटों से बढ़त मिली थी। हालांकि, अवधेश प्रसाद ने 2022 में 13 हजार वोटों से चुनाव जीता था। अवधेश प्रसाद इस बार फैजाबाद सीट से जीते हैं और सांसद चुने गए हैं।

करहल विधानसभा सीट

लोकसभा चुनाव के दौरान सपा प्रत्याशी डिंपल यादव इस क्षेत्र से 55 हजार वोटों के साथ लीड में थी। ये विधानसभा सीट मैनपुरी लोकसभा के तहत आती है। साल 2022 में इस सीट से अखिलेश यादव 67 हजार वोटों से जीत हासिल कर विधायक बने थे। लेकिन, इस बार कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद अखिलेश यादव ने करहल सीट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यह सीट खाली हो गई थी। भाजपा की बात करें तो वह इस सीट पर कमजोर दिखाई पड़ रही है। जबकि, सपा काफी मजबूत है।

कुंदरकी विधानसभा सीट

यहां से सपा के जियाउर्रहमान बर्क ने विधायक के तौर पर जीत हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव में संभल सीट से सांसद के तौर पर चुनाव जीता था। पिछले विधानसभा में उन्होंने 43 हजार वोटों के साथ चुनाव में जीत दर्ज की थी। बीजेपी की तुलना में इस बार सपा यहां से मजबूत स्थिति में नजर आ रही है।

गाजियाबाद विधानसभा सीट

यहां से बीजेपी के टिकट पर अतुल गर्ग ने विधायक के तौर पर चुनाव जीता था। भाजपा प्रत्याशी के सांसद चुने जाने के बाद यहां पर उपचुनाव होंगे। गर्ग ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की डॉली शर्मा के खिलाफ  एक लाख से अधिक वोटों के साथ जीत हासिल की थी।

कटेहरी विधानसभा सीट

इस सीट से समाजवादी पार्टी के लालजी वर्मा विधायक थे। उन्होंने सांसद बनने के बाद विधायक पद से इस्तीफा सौंप दिया है। लोकसभा चुनाव में लालजी वर्मा को कटेहरी में 17 हजार वोटों की बढ़त मिली है। जबकि, साल 2022 में विधानसभा चुनाव में लालजी वर्मा 7 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। ऐसे में इस बार वह अपने क्षेत्र में मजबूत हो गए हैं। उन्होंने बीजेपी के रितेश पांडे को 1.37 लाख वोटों से शिकस्त दी थी। साल 2019 में रितेश पांडे सपा गठबंधन से सांसद चुने गए थे। लेकिन चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए थे।

खैर विधानसभा सीट

यह सीट अलिगढ़ संसदीय क्षेत्र में आती है। लोकसभा चुनाव में अनूप प्रधान ने सांसद बनने के बाद विधायक की सीट से इस्तीफा सौंप दिया था। बता दें, अनूप प्रधान हाथरस से सांसद चुने गए हैं।

ऊंचाहार विधानसभा सीट

रायबरेली संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत ऊंचाहार विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होने की अटकलें हैं। साल 2022 में यहां से सपा के मनोज पांडे ने करीब 82,514 वोटों से जीत हासिल की थी। लेकिन चुनाव के दौरान उन्होंने सपा छोड़ दी थी। 

Tags:    

Similar News