कोटे के भीतर कोटा: बीएसपी प्रमुख मायावती ने सत्तापक्ष और इंडिया गठबंधन के नेताओं पर साधा निशाना
- पीएम के आश्वासन पर केंद्र सरकार को घेरा
- चुपे क्यों संविधान और आरक्षण बचाने वाले नेता
- विशेष सत्र बुलाकर शीर्ष कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करे मोदी सरकार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावाती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कोटे के भीतर कोटा मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर निशाना साधा। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पीएम मोदी के आश्वासन पर हमला करते हुए कहा है कि केवल आश्वासन से काम नहीं चलेगा। केंद्र सरकार को विशेष सत्र बुलाकर संशोधन विधेयक लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी बनाना चाहिए। अन्यथा बीएसपी इस मुद्दे को उठाती रहेगी। समय रहते एनडीए सरकार सर्वोच्च अदालत के फैसले के विरोध में एक्शन नहीं लेती तो आरक्षित समुदाय का बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा।
बसपा प्रमुख मायावती ने बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के साथ साथ कांग्रेस और उसके सहोयगी दलों और इंडिया गठबंधन पर निशाना साधा। मायावती ने कहा लोकसभा चुनाव में संविधान बचाओ और आरक्षण बचाओ का नारा लगाने वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के साथ धोखा दे रहे है। टॉप कोर्ट के फैसले के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव अब चुप क्यों है। जबकि चुनाव के दौरान तमाम विपक्षी दल संविधान बचाओ और आरक्षण बचाओ का नारा जोर शोर से चिल्ला रहे थे।
बीएसप चीफ व पूर्व सीएम मायावती ने बीजेपी के आरक्षित सांसदों को पीएम मोदी के आश्वासन को लेकर एक्स पर लगातार तीन ट्विट किए। इसी सिलसिले में आज मायावती ने एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेस की।
बीते दिन एससी एसटी आरक्षण में कोटे के भीतर कोटे मामले में बीजेपी के आरक्षित सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शुक्रवार को मुलाकात की। पीएम ने एससी एसटी सांसदों को कोटे पर कोटे का सिस्टम लागू नहीं करने की बात कही। खबरों के मुताबिक पीएम मोदी ने अपने सांसदों को आश्वासन दिया कि शीर्ष कोर्ट का फैसला लागू नहीं होगा।
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को एससी एसटी आरक्षण में कोटे के भीतर कोटा देने का फैसला दिया था। इसे लेकर एससी - एसटी वर्ग में भ्रम की स्थिति है। आरक्षित समुदाय में बीजेपी सरकार के खिलाफ काफी आक्रोश है।