मप्र विस चुनाव में पसमांदा मुसलमानों पर होगा बीजेपी का फोकस, पीएम मोदी के भाषण की इन बड़ी बातों से साफ हो गई बीजेपी की रणनीति!
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पसमांदा मुसलमान और समान नागरिक संहिता (uniform civil code) को लेकर काफी एग्रेसिव मोड में नजर आ रही है। ऐसा लग रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी इन दोनों मुद्दे पर बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी भोपाल में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भी कुछ ऐसे ही संकेत दिए हैं। मध्यप्रदेश में भी इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसी सिलसिले में पीएम मोदी आज बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने आए थे। इस दौरान पीएम मोदी ने पसमांदा मुसलमानों की फिक्र और समान नागरिक संहिता का जिक्र कर अपने इरादे पूर्णरुप से साफ कर दिए। आज उन्होंने साफ कर दिया कि बीजेपी अब अपना जनाधार बढ़ाने की ओर से अग्रसर हो गई है। उन्होंने आज सबका साथ और सबका विकास का जिक्र कर पसमांदा मुसलमानों को भी इस ग्रुप में जोड़ने की कोशिश की।
पसमांदा मुसलमानों पर बोले पीएम मोदी
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश में कुछ ऐसे दल हैं जो मुसलमान-मुसलमान की रट लगाते रहते हैं, लेकिन उनके ही पसमांदा वर्ग का शोषण हुआ है। हमारे मुसलमान भाई-बहनों की ओर ध्यान से देखें तो पता चलेगा कि पसमांदा मुस्लिमों के साथ केवल वोटबैंक की राजनीति की जा रही है। उनका जीना मुश्किल करके रखा गया है। साथ ही, वे कष्ट के साथ गुजारा कर रहे हैं। उनकी अवाज भी सुनने के लिए कोई तैयार नहीं है। उन्हें उनके ही समाज में बराबरी का हक नहीं मिल पा रहा है। उन्हें नीचा और अछूता समझा जाता है।
पीएम मोदी ने एक सांस में आज पसमांदा मुसलमानों की मोची, भटियारा, मेसारी, लालबेगी, बेजा, बामणिया, लहरी, जुलाहा, लम्बाई, हलदर, सिकदर डफाली, मुकेरी, मदारी जैसी ना जाने कितनी जातियां गिनी दीं और कहा कि इन मुस्लिम जातियों के साथ भेदभाव हुआ है। इन्हें भेदभाव का शिकार बनाया गया है। अब इनका नुकसान इनकी पीढ़ियों को उठाना पड़ रहा है। लेकिन बीजेपी हर नागरिक के लिए सबका साथ और सबका विकास की भावना से काम कर रही है। हम उन्हें भी स्वास्थ्य लाभ दे रहे हैं। उन्हें भी पीएम आवास योजना का पक्का घर दिया जा रहा है।
पीएम मोदी ने आज नागरिक संहिता और तीन तलाक के मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि हम जब एक घर के परिवार की कल्पना करते हैं तो किसी के लिए अलग कानून की बात नहीं करते हैं। अगर ऐसे में देश में एक न्याय व्यवस्था नहीं रहेगी तो फिर देश कैसे चलेगा। जब संविधान की बात करते हैं तो इसमें सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार की बात कही गई है।
'तीन तलाक से घर होता है तबाह'
उन्होंने आज उन विपक्षी पार्टियों पर भी तंज कसा जिसने तीन तलाक के पक्ष में बातें की थीं। उन्होंने कहा कि जो भी तीन तलाक के पक्ष में बाते करते हैं वे मुस्लिम बेटियों के साथ अन्याय चाहते हैं। उन्हें (विपक्ष) लगता है कि तीन तलाक में केवल महिलाओं की बात हो रही है। आज हम बता देना चाहते हैं कि इससे केवल बेटियों का नुकसान नहीं होता है। इसका दायरा बड़ा है। जब तीन तलाक बोलकर बेटियों को घर से निकाल दिया जाता है। तब जरा कल्पना कीजिए की उसके परिवार पर क्या बीतती होगी। इससे पूरा परिवार तबाह होता है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि अगर इसका संबंध इस्लाम से होता है तो अन्य इस्लामिक मुल्क इसे (तीन तलाक) खत्म नहीं करता। पीएम मोदी ने कहा कि परसों ही मैं मिस्र में था, वहां की आबादी में 90 फीसदी लोग सुन्नी मुसलमान है और वहां 80-90 साल पहले ही तीन तलाक को खत्म कर दिया गया था। अगर यह इस्लाम में जरूरी होता तो फिर पाकिस्तान,जॉर्डन, सीरिया, इंडोनेशिया, कतर और बांग्लादेश में तीन तलाक क्यों नहीं है। इन लोगों ने मुस्लिम बेटियों और गरीबों के उत्पीड़न के लिए इसे बनाए रखा था। यहीं वजह है कि आज साफ तौर पर भी देखा जा रहा है कि भाजपा और मोदी के साथ हर जगह मुस्लिम बेटियां खड़ी है।
पीएम मोदी ने आज अपने संबोधन के दौरान पसमांदा मुसलमान और समान नागरिक संहिता कानून का जिक्र कर बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने आज साफ कर दिया कि बीजेपी सबके हित की बात करती है। वह अपनी योजनाओं में किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, पीएम मोदी के इस बयान को देखे तो लगता है कि आगामी एमपी विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी पसमांदा मुसलमान और UCC के साथ ही चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।