विधानसभा चुनाव: कन्या पूजन के बहाने महिलाओं को साधने में जुटी भाजपा और कांग्रेस

महिलाओं को साधने में जुटी भाजपा और कांग्रेस

Bhaskar Hindi
Update: 2023-10-18 07:21 GMT

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। सामान्य तौर पर कन्या पूजन एक धार्मिक अनुष्ठान है। लेकिन जब राजनीतिक दल इसे करने लगे तो इसके सियासी मायने निकाले जाने लगते हैं। फिलहाल जब से नारी शक्ति वंदन कानून पास हुआ तब से सभी दलों के केंद्र बिंदु में महिलाओं को रखा जा रहा है। कांग्रेस सेवा दल की ओर से इस नवरात्रि में पूरे प्रदेश में कन्या पूजन का आयोजन हो रहा है। लखनऊ मुरादाबाद समेत अन्य कई जिलों में इसका आयोजन होगा।

सेवादल के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर प्रमोद पांडेय कहते हैं कि सेवा दल हमेशा ही इस प्रकार के आयोजन करते आ रहा है। उन्होंने कहा कि कन्या पूजन का आयोजन 2018 में काफी हाइलाइट हुआ था। उस समय राजबब्बर प्रदेश अध्यक्ष थे। हम लोग प्रयागराज में होने वाले एक माह के कल्पवास के आयोजन को बहुत अच्छी तरह से आयोजित करते हैं।

पांडेय कहते हैं कि बीच में कोरोना के कारण इसी सीमित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजन हर वर्ष होते रहे हैं। ईद व होली मिलन का आयोजन किया जाता है और दीपावली पर रोशनी कर मिठाई बांटी जाती है, क्रिसमस पर केक काटने की परम्परा है। गांधी जयंती पर सारे धार्मिक ग्रंथों को पढ़ा जाता रहा है। लेकिन कुछ समय से विषाक्त वातावरण के कारण ऐसे मामलों को तूल दिया जाता है। हम लोग कोई दिखावा नहीं करते। हम सभी प्रकार के संस्कृतिक पर्व त्योहार को बहुत अच्छे ढंग से मनाते हैं। कन्या पूजन पूरे प्रदेश में आयोजित हो रहा है। हर जिले में अलग अलग दिन होगा।

उधर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रदेश भर में कन्या पूजन का आयोजन किया जा रहा है। वह अपने संगठनात्मक मंडलों में इसका आयोजन करने जा रही है। भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष रीता शास्त्री को इसका संयोजक बनाया गया है। भाजपा में नारी आरक्षण के लिए आए बिल के बाद उसे समझाने के लिए प्रदेश भर में महिला सम्मेलन भी हो रहे हैं।

कन्या पूजन की प्रदेश संयोजक रीता शास्त्री ने बताया कि नवरात्रि में सभी हिंदू घरों में कन्या पूजा होती है। पार्टी भी इसे मनाती चली आ रही है। लेकिन इस बार इसका आयोजन बड़े स्तर पर हो रहा है। हर मंडल में इसे आयोजित करवाया जा रहा है। सभी क्षेत्रों और सभी मंडलों में इसका आयोजन होगा। इसमें क्षेत्रीय संयोजक और जिला संयोजक भी बना दिया गया है। अगर संख्या सीमित होगी तो घरों पर हो रहा है। अगर संख्या बढ़ती है तो इसे किसी गेस्ट हाउस पर भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस दौरान कन्या के पैर पखार कर उन्हें फल मिष्ठान और दक्षिणा भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जब से भाजपा सरकार बनी है तब से महिलाओं को फोकस करते हुए कई योजना बनी है। चाहे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, कन्या सुमंगला हो, या महिला आरक्षण बिल हो।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक रतन मणि लाल कहते हैं कि एक हिंदू आस्था रीति रिवाज कन्या पूजन को भाजपा बहुत पहले से करती आ रही है। भाजपा के मुख्यमंत्री योगी हर साल गोरखपुर मंदिर में करते आ रहे हैं। इसकी चर्चा भी होती है। भाजपा इसे हिंदू आस्था की रीति के कारण करती है। कांग्रेस में कभी यह आयोजन कोई बड़ा नेता करता नहीं दिखाई दिया। इनके पिछले 10 सालों में जितने भी आयोजन हुए, बहुत लो प्रोफाइल हुए। क्योंकि इनके पास कोई ऐसा चेहरा नहीं था जिसके कन्या पूजा और रीति रिवाज का आयोजन करने से चर्चा हो। पार्टी ने आधिकारिक तौर पर नहीं किया है। किसी नेता ने व्यक्तिगत तौर पर किया है। उसको कभी सुर्खियां नहीं मिली है। कांग्रेस ने ऐसे किसी समारोह को चर्चित नहीं बनाया है। महिला आरक्षण बिल का श्रेय लेना चाहेगी। इसके जरिए भाजपा ने केंद्र और राज्य में जो किया है। उसका हिस्सा बनाने का प्रयास है।

(आईएएनएस)

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