तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले केसीआर के कई नेताओं ने थामा कांग्रेस का 'हाथ', राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिलाई सदस्यता

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-26 12:57 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 119 विधानसभा सीटों वाले तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीआरएस (BRS) को बड़ा झटका लगा है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की पार्टी के कई नेताओं ने सोमवार (26 जून) को कांग्रेस का दामन थाम लिया। इनमें पूर्व सांसद पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी, पूर्व मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव समेत कई नेता शामिल हैं। राजधानी दिल्ली स्थित कांग्रेस कार्यलय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की मौजूदगी में इन नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई गई। 

इस मौके पर पार्टी कार्यालय में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी के तेलंगाना प्रभारी माणिकराव ठाकरे और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रेवंत रेड्डी मौजदू रहें। इस दौरान राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने तेलंगाना कांग्रेस के नेताओं के साथ मुलाकात की और राज्य के सियासी समीकरण का जायजा लिया।

तेलंगाना में मंत्री पद संभाल चुके हैं ये नेता

खम्मम लोकसभा सीट से पूर्व सांसद पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी ने वाईएसआर कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद वे केसीआर की पार्टी में शामिल हो गए थे। इनके अलावा तेलंगाना की के.चंद्रशेखर राव की सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे चुके कृष्णाराव ने भी अब कांग्रेस का दामन थाम लिया है।  

कांग्रेस की रणनीति

बता दें कि, इन दोनों नेताओं के अलावा एमएलसी दामोदर रेड्डी और तीन-चार पूर्व एमएलए सहित करीब 10 नेता आज कांग्रेस में शामिल हुए हैं। कर्नाटक जीत के बाद कांग्रेस नेताओं के हौसले बुलंद है। कांग्रेस की कोशिश है कि राजधानी दिल्ली में इन नेताओं की पार्टी सदस्यता के बाद पूरे तेलंगाना में पार्टी की गूंज सुनाई दे। कांग्रेस लगातार बीआरएस में सेंध लगा रही है। बीआरएस की ओर से इतनी बड़ी संख्या में नेताओं का कांग्रेस में शामिल होने से तेलंगाना का मुकाबला और भी ज्यादा दिलचस्प हो गया है।

बता दें कि, बीआरएस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते इसी साल अप्रैल में पार्टी ने इन दो नेताओं निलंबित किया था। जानकारी के मुताबिक, कृष्णा राव ने 2011 में बीआरएस में शामिल होने के लिए कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। इसे आप घर वापसी के तौर पर भी समझ सकते हैं। जब राज्य का निर्माण हुआ था, तब कृष्णा राव 2014 में वे बीआरएस (तब टीआरएस) के टिकट से महबूबनगर जिले के कोल्लापुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीत हासिल की। अब वे फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। जिससे कांग्रेस को राज्य में और ज्यादा मजबूती मिलने की संभवानाएं हैं।

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जब यात्रा तेलंगाना में पहुंची थी, तब काफी ज्यादा संख्या में लोग यात्रा में चले। इसके बाद केसीआर ने कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने की कोशिश की। लेकिन कांग्रेस ने मना कर दिया। ऐसे में केसीआर के लिए इन नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने को बहुत बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।

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