शिवाजी महाराज की प्रतिमा: प्रतिमा गिरने पर मचा सियासी बवाल, अजित पवार के बाद सीएम एकनाथ शिंदे माफी मांगने पर मजबूर, किया बड़ा ऐलान

  • शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर मचा सियासी बवाल
  • महायुति सरकार में शामिल एनसीपी ने निकाला मौन मार्च
  • सीएम शिंदे ने साधा निशाना

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-29 12:54 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर सूबे की सियासत गरमा गई है। शिवसेना (उद्धव गुट), कांग्रेस और एनसीपी (शरदचंद्र गुट) समेत अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेर रहे हैं। मामले को तूल पकड़ता देख सीएम एकनाथ शिंदे ने राज्य की जनता से माफी मांगी है। इसके साथ ही उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए जल्द ही वहां एक बड़ी और मजबूत मूर्ति बनाने की बात की है। बता दें कि इससे पहले राज्य के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने भी महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगी थी।

एनसीपी ने किया विरोध प्रदर्शन

वहीं, इस मुद्दे पर राज्य के सत्ताधारी संगठन महायुति में शामिल अजीत पवार की एनसीपी ने पूरे महाराष्ट्र में मौन विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी ने मूर्ति टूटने में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही।

महाविकास अघाड़ी ने साधा निशाना

वहीं, इस मामले में विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। गठबंधन के नेताओं ने इस घटना के विरोध में 1 सितंबर को राजधानी मुंबई में विरोध मार्च निकालने का ऐलान किया है। वहीं सत्ताधारी दल एनसीपी ने गुरुवार को राज्य के कई स्थानों पर घटना के विरोध में मौन रहकर मार्च निकाला। साथ ही महाराष्ट्र की शान छत्रपति शिवाजी महाराज की उसी स्थान पर मूर्ति खड़ी की जाए। इस दौरान स्थानीय नेताओं ने अपनी मांगों को लेकर तहसीलदारों और कलेक्टरों को अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें मूर्ति की खराब क्वालिटी के लिए जिम्मेदार मूर्ति बनाने वालों और अन्य लोगों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की मांग की गई।

एनसीपी का इस मामले में इतना खुलकर विरोध करना इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्यों वो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की वर्तमान महायुति सरकार के तीन घटकों में शामिल है।

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