सदन में सबसे बड़ा परिवार: तीन भाइयों सहित पत्नी डिंपल यादव के साथ मौजूद रहेंगे अखिलेश यादव

  • एक पार्टी एक चुनाव चिह्न पर एक परिवार के पांच सदस्य जीते
  • पप्पू यादव और उनकी पत्नी रंजीता रंजन दो बार बन चुके सांसद
  • लोकसभा में देश का सबसे बड़ा परिवार सदन में एक साथ मौजूद रहेगा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-11 06:47 GMT

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। 18 वें लोकसभा चुनाव के नतीजों में निर्वाचित होकर आए उत्तरप्रदेश के यादव परिवार के पांच सदस्य एक साथ सदन में बैठेंगे। परिवार के साथ साथ अखिलेश यादव और डिंपल यादव पति- पत्नी की जोड़ी में एक साथ सदन में गूजेंगी। आपको बता दें निम्न सदन में यूपी से अखिलेश यादव और डिंपल यादव की जोड़ी सभी का ध्यान खींचेगी। 

सपा मुखिया अखिलेश यादव न सिर्फ पहली बार अपनी पत्नी के साथ लोकसभा में मौजूद रहेंगे, बल्कि इस बार उनके तीन भाई भी बतौर सांसद सदन में उनके साथ रहेंगे। इस बार सैफई यादव परिवार के पांच सदस्य निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचे हैं। इसमें कन्नौज से अखिलेश यादव, मैनपुरी से डिंपल यादव, आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव और बदायूं से आदित्य यादव सांसद चुने गए हैं। इस तरह पांच सदस्यों के साथ लोकसभा में देश का सबसे बड़ा परिवार सदन में एक साथ मौजूद रहेगा।

18 वें लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव और डिंपल यादव पति-पत्नी के रूप में लोकसभा सदस्य चुनी गई हैं। इससे पहले यह उपलब्धि बिहार से पप्पू यादव और उनकी पत्नी रंजीता रंजन के नाम था। वह दोनों 2004 और 2014 में दो बार एक साथ चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। हालांकि दोनों अलग-अलग पार्टी से चुनाव लड़कर जीते थे। इस बार भी पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। उनकी पत्नी रंजीता रंजन कांग्रेस से राज्यसभा की सांसद हैं। दोनों जोड़ी के तौर पर तीसरी बार संसद में होंगे, लेकिन अलग-अलग सदन के सदस्य होंगे।

चुनावी मैदान में आपने पति-पत्नी के आमने सामने की लड़ाई के कई उदाहरण देंखे होग। लेकिन अलग -अलग सीट से एक साथ जीतकर लोकसभा तक पहुंचने की पति-पत्नी की जोड़ी की नजीर कम ही देखने को मिलती है। यह पहली बार है कि किसी पार्टी का मुखिया अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव एक साथ एक पार्टी के एक चुनाव चिह्न पर लोकसभा के लिए चुने गए हैं। अखिलेश अपनी परंपरागत सीट कन्नौज से वहीं उनकी पत्नी डिंपल यादव पास की  मैनपुरी सीट से सांसद निर्वाचित हुई है। दोनों ने ही रिकॉर्डतोड़ वोटों के अंतर से चुनाव जीता है। दोनों की जीत के चर्चे भी एक इतिहास बन गया है।  डिंपल यादव तो सपा की ओर से जीतने वाले सांसदों में सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से जीती। वहीं पार्टी में उनके बाद उनके पति अखिलेश यादव की जीत का अंतर है वो दूसरे नंबर पर है। और दिलचस्प तब होगा जब सदन में दोनों एक दूसरे के पास- पास बैठे। अगर ऐसा होता है तो यह भी एक अलग तरह का रिकॉर्ड होगा।  

हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं है जब दोनों नेता एक साथ सदन में पहुंचे हो। इससे पहले भी अखिलेश और डिंपल लोकसभा के सदन में पहुंच चुके है। लेकिन दोनों अलग अलग समय पर पहुंचे थे, हालांकि दोनों ने एक साथ चुनाव लड़ा था। आपको बता दें  अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव पिछली लोकसभा 2019 में भी साथ-साथ लड़े थे, लेकिन सदन के सदस्य एक साथ नहीं निर्वाचित होने से साथ-साथ नहीं पहुंच सके थे। दरअसल अखिलेश यादव आजगमगढ़ से चुनाव लड़कर जीते। जबकि डिंपल यादव कन्नौज से लड़ी थीं, लेकिन चुनाव नहीं जीत सकी थीं। हालांकि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट खाली हुई, तो डिंपल यादव वहां से उपचुनाव जीतकर सदन में पहुंची।

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