सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुरजेवाला ने नवंबर 2021 के बाद ईडी की सभी कार्रवाइयों की स्वतंत्र जांच की मांग की
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को ईडी निदेशक एस.के. मिश्रा को दिए गए एक्सटेंशन को रद्द करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की। एक्सटेंशन यानी कार्यकाल बढ़ाने को अवैध बताते हुए इस फैसले को न्याय की जीत और राजनीतिक प्रतिशोध के लिए वित्तीय जांच एजेंसी के 'बेशर्म दुरुपयोग' और समझौते पर अपने रुख की पुष्टि बताया। उन्होंने यह भी मांग की कि 17 नवंबर, 2021 के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की सभी कार्रवाइयों की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच का गठन किया जाए।
सुरजेवाला ने अपने ट्वीटों में कहा, "मेरे द्वारा दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ईडी प्रमुख को दिए गए एक्सटेंशन को अवैध बताते हुए अपना फैसला सुनाया। ईडी निदेशक को महीने के अंत तक पद छोड़ना होगा। यह न्याय की जीत है और राजनीतिक प्रतिशोध के लिए ईडी के बेशर्म दुरुपयोग और समझौते के साथ-साथ मोदी सरकार के हताश और स्पष्ट एजेंडे को आगे बढ़ाने पर हमारे रुख की पुष्टि है।'' "सुप्रीम कोर्ट ने पैरा 119 में यह स्पष्ट कर दिया है। '...हमने माना है कि प्रतिवादी नंबर 2 को एक्सटेंशन देने वाले 17 नवंबर 2021 और 17 नवंबर 2022 के आदेश कानून में मान्य नहीं हैं।' यह एक गंभीर और ऐतिहासिक अभियोग है कि मोदी सरकार ने अपनी पसंद के ईडी प्रमुख यानी अपने 'यस मैन' को लंबे समय तक पद पर बनाए रखने के लिए इतनी बेताब थी कि उसने न्याय, समता और निष्पक्षता के सभी मानदंडों की पूरी तरह से अवहेलना की।"
"लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के मद्देनजर, 17 नवंबर, 2021 के बाद ईडी द्वारा की गई सभी कार्रवाइयां स्वत: अवैध और शून्य हो जाती हैं।" "इस प्रकार, हम मांग करते हैं कि 17 नवंबर, 2021 के बाद ईडी द्वारा सभी कार्रवाइयों की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच (मोदी सरकार के प्रभाव और दबाव से आजाद) गठित की जाए। ईडी, जो पहले से ही अपनी विश्वसनीयता के लिए विनाशकारी आरोपों का सामना कर चुकी है, को हस्तक्षेप को अस्वीकार करना चाहिए।'' कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा, ''मोदी सरकार के खिलाफ या इसकी विरासत को स्थायी रूप से धूमिल होने और पुनर्प्राप्त करने से परे ध्वस्त होने का खतरा है।''
सुरजेवाला ने कहा, "आखिरकार, सरकार को अपने दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने और विपक्ष को दबाने के लिए ईडी के निदेशक के कार्यालय के खुले और निर्लज्ज दुरुपयोग के लिए माफी मांगनी चाहिए। हमें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट उस कानून को रद्द कर देगा, जो प्रक्रिया के ऐसे दुरुपयोग की अनुमति देता है। लेकिन अभी सुप्रीम कोर्ट ने इसे ऐसे ही रहने दिया है। फिर भी, हम मोदी सरकार द्वारा हमारे लोकतंत्र और हमारे संस्थानों को कमजोर करने के सभी प्रयासों का पर्दाफाश करना, चुनौती देना और पूरी ताकत से लड़ना जारी रखेंगे।''
उनकी यह टिप्पणी मंगलवार को शीर्ष अदालत द्वारा प्रवर्तन निदेशालय प्रमुख मिश्रा का कार्यकाल 2021 में बढ़ा दिए जाने को "अवैध" करार दिए जाने के बाद आई है। हालांकि, अदालत ने मिश्रा को 31 जुलाई तक पद पर बने रहने की अनुमति दी। वैसे, ईडी निदेशक का कार्यकाल नवंबर, 2023 में खत्म होने वाला था।
(आईएएनएस)
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