नहीं माने केजरीवाल! इन राज्यों में कांग्रेस का खेल खराब करने को तैयार, ये है आगे का प्लान!

  • आप की एंट्री से कांग्रेस को 'नुकसान'
  • गुजरात, पंजाब, गोवा के तर्ज पर चुनाव लड़ेगी 'आप'
  • जल्द ही एमपी में सीएम फेस का करेगी 'आप' एलान

Bhaskar Hindi
Update: 2023-06-22 08:00 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। पंजाब का किला फतह करने के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल का जोश हाई है। लेकिन इनकी जीत से कांग्रेस पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। पंजाब की सरकार कांग्रेस के 'हाथ' से चली गई। उसके बाद गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में 'आप' की एंट्री ने कांग्रेस पार्टी का सारा खेल ही बिगाड़ दिया। जिसकी वजह से कांग्रेस पार्टी की स्थिति सभी विधानसभा चुनावों में सबसे खराब रही थी। लेकिन 'आप' ने गुजरात में बेहतर प्रदर्शन कर 5 सीटों पर जीत हासिल की और अपने नाम 12 फीसदी वोट शेयर भी किए। इसी के तर्ज पर अब 'आप' इस साल के अंत में होने वाले राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ने जा रही है।

'आप' की एंट्री से कांग्रेस और बीजेपी में गहमा गहमी होती हुई दिखाई दे रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, तीन बड़े राज्यों के चुनाव में आम आदमी पार्टी की एंट्री से सबसे ज्यादा कांग्रेस को झटका लगने वाला है क्योंकि कांग्रेस यहां बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही है। खासकर मध्यप्रदेश में, क्योंकि एमपी में कांग्रेस के पक्ष में माहौल अभी तक बनता हुआ नजर आ रहा है लेकिन 'आप' की एंट्री ने कांग्रेस को बड़े गहन चिंतन में डाला हुआ है। वहीं सियासत के जानकार बीजेपी को लेकर कहते हैं कि, भगवा पार्टी कांग्रेस-आप से बिल्कुल हट कर राजनीति करती है। उसका सीधा फोकस 80-20 पर रहता है। 80 यानी बहुसंख्यक समुदाय व 20 अल्पसंख्यक। इस मामले में बीजेपी अन्य दलों के अपेक्षा में काफी क्लियर है। इसलिए उसे मध्यप्रदेश में 'आप' की एंट्री से ज्यादा नुकसान होने की उम्मीद नहीं है।

केजरीवाल को भरोसा, 'कुछ होगा अच्छा'

'आप' की एंट्री ने पहले ही कांग्रेस को गोवा, पंजाब और गुजरात में काफी बड़ा नुकसान पहुंचा चुका है। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नजर आगामी तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव पर है, जो कांग्रेस की परेशानी बनी हुई है। दरअसल, मध्यप्रदेश में आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल 1 जुलाई को आने वाले हैं। केजरीवाल 1 जुलाई को चुनावी बिगुल फूंकेंगे। वह एमपी के ग्वालियर जिले में एक रैली करेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा भीड़ अपने साथ लाया जा सके। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल को भरोसा है कि चंबल क्षेत्र में पड़ने वाली भिंड, मुरैना और ग्वालियर में पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है। साथ ही आप को रीवा और सतना के विधानसभा सीट पर जीत हासिल करने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक, पार्टी रैलियों के अलावा 'टाउनहॉल मीटिंग्स' भी करने वाली है। जिसकी कमान अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान संभालेंगे और दोनों नेता सीधा जनता से संवाद करेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा वोटर्स को साधा जा सके।   

इन मुद्दों को आगे रखकर चुनाव में उतरेगी 'आप'

मध्यप्रदेश में रैली के बाद 2 जुलाई को अरविंद केजरीवाल छत्तीसगढ़ जाएंगे। जहां बिलासपुर जिले में एक रैली को संबोधित करेंगे और पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं का मूलमंत्र देंगे। गुजरात, गोवा, हिमाचल प्रदेश के तर्ज पर ही यहां केजरीवाल चुनाव लड़ने वाले हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, जिस तरह गुजरात और अन्य राज्यों में 'आप' ने शिक्षा, रोजगार, बिजली, महंगाई और करप्शन जैसे मुद्दे को आगे रखकर चुनाव लड़ा है, वैसे ही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी चुनाव लड़ेगी। आप के एक दिग्गज नेता का कहना है कि इन राज्यों में पार्टी ने सर्वे कराया है खास कर एमपी का, जहां किसानों का कर्ज बहुत बड़ा मुद्दा है। जिस पर आप बहुत जल्द ही कुछ बड़ा एलान कर सकती है।

कांग्रेस के लिए मुसीबत बनी 'आप'

इन सबसे इत्तर कांग्रेस पार्टी को लेकर चर्चाएं तेज हैं। आप के आने से इन राज्यों में कांग्रेस को खामियाजा भुगताना पड़ सकता है। जिसका सबूत पंजाब, गुजरात और गोवा के विधानसभा चुनाव में देखने को मिल चुका है। सियासत के जानकारों का कहना है कि, आगामी विधानसभा में आप की एंट्री ने बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस पार्टी के खेमे में भूचाल मचाया है। कहा जा रहा कि तीनों राज्यों में किसी भी राज्य में मुकाबला करीब होता है तो आम आदमी पार्टी को मिले वोटों की अहमित बढ़ जाएगी।

कांग्रेस के लिए गुजरात जीता जागता सबूत

गुजरात विधानसभा चुनाव में 'आप' की एंट्री ने कांग्रेस का सारा खेल बिगाड़ दिया था। गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 12 फीसदी वोट शेयर के साथ 5 सीट जीतने में कामयाब रही थी। जबकि कांग्रेस को 16 सीटों पर ही जीत मिली थी। वहीं बीजेपी को 152 सीटों पर जीत मिली। 'आप' की एंट्री से बीजेपी का काफी फायदा हुआ था। कुछ ऐसा ही इस बार भी होता हुआ दिखाई दे रहा है। आप ने पहले ही एलान कर दिया है कि वो तीनों राज्यों में चुनाव लड़ेगी। खबरें हैं कि जल्द ही आम आदमी पार्टी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में 'सीएम फेस' का एलान कर सकती है। 

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