दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की 300 कार्यकर्ता पहुंची सीएम आवास
प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाजपा नेता योगिता सिंह ने कहा कि आज हम कोई धरना-प्रदर्शन करने नहीं आए हैं, आज हमारे मुख्यमंत्री आवास आने का मकसद सिर्फ मुख्यमंत्री से मिलना और उनकी बात को छोड़कर स्वस्थ मन से दिल्ली के विकास के लिए काम करने को कहना है। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री ने महिलाओं के एक छोटे शांतिपूर्ण प्रतिनिधिमंडल से मिलना आवश्यक नहीं समझा। गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 23 मई को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे। इसके बाद वह उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मिलने महाराष्ट्र जाएंगे। इन मुलाकातों के दौरान अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ इन पार्टियों से समर्थन मांगेंगे।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में केंद्र सरकार की तानाशाही समेत कई राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई। विपक्ष को एकजुट होकर हमें केंद्र की भाजपा सरकार के इस तानाशाही अध्यादेश को संसद में हराना होगा। अगर राज्यसभा में यह बिल हार गया तो वो 2024 का सेमी फाइनल होगा और पूरे देश में संदेश चला जाएगा कि 2024 में भाजपा की सरकार जा रही है। केजरीवाल ने कहा कि 23 मई को मैं कोलकाता जाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलूंगा। वहां हमारी मुलाकात दोपहर 3 बजे होगी। इसके बाद मैं एक-एक कर पूरे देश के अंदर सभी पार्टियों के अध्यक्ष से मिलने के लिए जाउंगा। मैंने सीएम नीतीश कुमार से भी निवेदन किया है कि वे भी सभी राजनीतिक पार्टियों से बात करें। मैं हर राज्य में जाकर एक-एक विपक्षी पार्टी के नेताओं से मिलूंगा और राज्यसभा में जब ये बिल आए, तो इसे हराने के लिए सबसे अपील करूंगा। वहीं, इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल शरद पवार और उद्धव ठाकरे से भी मिलने जाएंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल 24 मई को मुम्बई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे और 25 मई को मुम्बई में ही शरद पवार से मिलेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि 11 मई को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सारी शक्तियां दिल्ली की चुनी हुई सरकार को दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के 8वें दिन केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दिया और चुनी हुई सरकार की सारी शक्तियां छीन ली। केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश के माध्यम से दिल्ली सरकार को बिल्कुल पंगु बना दिया है और सारी ताकत एलजी को दी है कि अब एलजी ही दिल्ली चलाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ ने सर्व सम्मति से यह फैसला दिया था, जिसे केंद्र सरकार ने पलट दिया है जो संविधान के खिलाफ है।
(आईएएनएस)
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