अंतरराष्ट्रीय: पाकिस्तान अब क्या करेंगे इमरान खान? सेना का पूर्व पीएम के साथ किसी भी समझौते से इनकार

पाकिस्तान सेना ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ किसी भी समझौते की संभावना से इनकार कर दिया है। सेना के इस रुख के बाद इमरान खान के राजनीतिक भविष्य को बड़ा झटका है। पूर्व पीएम देश के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान के साथ पिछले दरवाजे से बातचीत करने की कोशिशों में थे।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-16 13:04 GMT

रावलपिंडी, 16 नवंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान सेना ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ किसी भी समझौते की संभावना से इनकार कर दिया है। सेना के इस रुख के बाद इमरान खान के राजनीतिक भविष्य को बड़ा झटका है। पूर्व पीएम देश के शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान के साथ पिछले दरवाजे से बातचीत करने की कोशिशों में थे।

एक ब्रिटिश दैनिक की रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने खान के साथ किसी भी स्तर पर बातचीत के विचार को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में पार्टी नेताओं के साथ बैठक में सेना से बताचीत करने की अपनी इच्छा जाहिर की थी।

खान ने कहा था कि वह अभी भी देश के सैन्य प्रतिष्ठान के साथ समझौता करने के लिए तैयार हैं।

दिलचस्प बात यह है कि इमरान खान ने पहले सेना और आर्मी चीफ जनरल सैयद असीम मुनीर पर अपनी मौजूदा स्थिति और कैद के लिए आरोप लगाया था।

खान ने सेना पर अमेरिकी सरकार के साथ मिलकर उन्हें सत्ता से बेदखल करने का आरोप लगाया था।

पाकिस्तानी सेना के एक सूत्र ने बताया, "खान के खिलाफ अदालती मामले चल रहे हैं और वह सेना से किसी डील की उम्मीद नहीं कर सकते। वह चाहते हैं कि हर कोई कानून के शासन का पालन करे, लेकिन वह खुद ऐसा नहीं करते और सेना के साथ चर्चा के लिए दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने अपनी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए समझौते की मांग करते हुए बिना शर्त बातचीत की पेशकश भी की थी।"

खान के करीबी लोगों का कहना है कि पीटीआई प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठान से निपटना चाहते हैं, न कि सत्तारूढ़ सरकार से, क्योंकि उनका मानना ​​है कि वास्तविक शक्ति और अधिकार शक्तिशाली सेना के पास है।

पीटीआई के एक नेता ने कहा, "सेना के साथ कोई भी समझौता या जुड़ाव सिद्धांतों और लोगों के हितों पर आधारित होगा, न कि व्यक्तिगत लाभ के लिए।"

खान पर सौ से ज्यादा मामले चल रहे हैं और भ्रष्टाचार के आरोपों में वह पहले ही एक साल से अधिक जेल में रह चुके हैं। मई 2023 के दंगों और देशद्रोह से जुड़े मामलों में उन पर सैन्य अदालत में मुकदमा चलाया जा सकता है।

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