राजनीति: मोदी 3.0 के पहले आम बजट से लोगों की क्या हैं अपेक्षाएं

संसद में मंगलवार को आम बजट पेश किया जाएगा। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट है। आने वाले बजट पर पूरे देश की नजरें हैं। हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर के कुछ निवासियों ने इस बजट को लेकर अपनी उम्मीदें जाहिर की हैं।

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Update: 2024-07-22 08:14 GMT

सोलन (हिमाचल प्रदेश), 22 जुलाई (आईएएनएस)। संसद में मंगलवार को आम बजट पेश किया जाएगा। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट है। आने वाले बजट पर पूरे देश की नजरें हैं। हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर के कुछ निवासियों ने इस बजट को लेकर अपनी उम्मीदें जाहिर की हैं।

बजट को लेकर खिलाड़ी सेजल ने कहा कि सरकार जो बजट बना रही है, उसमें खिलाड़ियों के लिए वित्तीय प्रावधान होना चाहिए। कुछ प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपनी आर्थिक समस्याओं के कारण खेलों का खर्च नहीं उठा पाते हैं। इस वजह से बहुत सारी प्रतिभाएं छूट जाती हैं। इसलिए खिलाड़ियों के लिए वित्तीय प्रावधान जरूरी है और खिलाड़ियों के जीतने पर नौकरी का प्रावधान भी होना चाहिए।

शहरवासी मुकेश शर्मा ने कहा कि आम लोगों के लिए वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में भारी वृद्धि को कम किया जाना चाहिए। ब्याज दर भी बहुत अधिक है। टैक्स स्लैब में नरमी होनी चाहिए। इससे करदाता को राहत मिलेगी। देश में बेरोजगारी दर बढ़ी है, इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार के लिए फंड बनाया जाना चाहिए।

मनीष साहनी ने कहा कि देश में जिस तेजी से महंगाई बढ़ रही है, उसके हिसाब से टैक्स में कोई राहत नहीं दी गई है। वेतनभोगी लोगों को टैक्स में छूट मिलनी चाहिए। इस समय देश में नौकरियां बहुत कम हैं। इसके लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) के तहत देश में कई जगह फैक्ट्रियां लगाई जानी चाहिए ताकि नौकरियां पैदा हों। देश में रिसर्च सेंटर के लिए फंड लाया जाना चाहिए, तभी कहीं जाकर देश आगे बढ़ेगा।

मुकेश गुप्ता ने कहा कि 65 वर्ष की आयु के बाद वेतनभोगी लोगों को उनके द्वारा चुकाए गए आयकर के अनुसार पेंशन मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पर्यावरण को बचाने और प्रदूषण को कम करने के लिए प्रावधान में अधिक धनराशि उपलब्ध करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीएसटी को सरल बनाना और उनमें बदलाव करना जरूरी है।

वहीं एक व्यापारी ने कहा कि व्यापारी सरकार को आयकर और जीएसटी देते हैं। व्यापारियों के लिए एक निश्चित आयु के बाद पेंशन या बीमा योजना शुरू की जानी चाहिए, ताकि व्यापारी बुढ़ापे में गुजारा कर सकें।

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