कानून: ‘सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं’, केजरीवाल को मिली अंतरिम बेल पर बोली 'आप'

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को अंतरिम जमानत मिल गई। इससे आम आदमी पार्टी के नेता उत्साहित और खुश नजर आ रहे हैं। केजरीवाल को जमानत मिलने पर आप सरकार में मंत्री आतिशी ने प्रेस वार्ता कर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कोर्ट के फैसले को सत्य की जीत बताया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-12 06:54 GMT

नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को अंतरिम जमानत मिल गई। इससे आम आदमी पार्टी के नेता उत्साहित और खुश नजर आ रहे हैं। केजरीवाल को जमानत मिलने पर आप सरकार में मंत्री आतिशी ने प्रेस वार्ता कर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कोर्ट के फैसले को सत्य की जीत बताया।

आतिशी ने कहा, “बीजेपी को पता था कि उन्हें (अरविंद केजरीवाल) राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई है। उन्हें पता है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत मिल जाएगी, इसलिए उन्होंने एक और साजिश रची और जिस दिन सुप्रीम कोर्ट में जमानत पर सुनवाई होनी थी, उससे एक दिन पहले सीबीआई से अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करा दिया। उन्हें सीबीआई ने क्यों गिरफ्तार किया? क्योंकि अगर उन्हें ईडी मामले में जमानत मिल गई, तो वे जेल से बाहर आएंगे और दिल्ली के लोगों के लिए 10 गुना तेजी से काम करेंगे। मैं आज बीजेपी को कहना चाहता हूं। इस देश की हर अदालत ने आपकी पोल खोल दी है। हर अदालत अरविंद केजरीवाल को जमानत दे रही है। मैं बीजेपी से कहना चाहता हूं कि अपना अहंकार खत्म करें और दूसरी पार्टियों के खिलाफ साजिश रचना बंद करे। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं।“

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत पर कहा, “छुट्टियों से पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने जिस फैसले को सुरक्षित रख लिया था, उस पर आज अपना रुख स्पष्ट कर दिया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के सामने ये सवाल था कि अगर ईडी केजरीवाल को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार करती है और सेक्शन 14 के तहत अगर कोई बेल के बारे में सोचता है, तो इससे साफ जाहिर होता है कि ईडी का निर्णय तय सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है। अगर किसी कानून में बेल मिलने की संभावनाएं इतनी कम हैं, तो बहुत मुमकिन है कि उसमें गिरफ्तारी की प्रक्रिया भी काफी जटिल होगी। ऐसा नहीं हो सकता कि आप बात-बात पर गिरफ्तार कर लो और इसके बाद जमानत ही ना दो। अगर किसी कानून में बेल आसान है, तो उसमें अरेस्ट भी आसान होता है। कानून के जानकार इस बात को भली भांति जानते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक और बात कही कि इस मामले में अरविंद केजरीवाल 90 दिनों से ज्यादा समय तक जेल में रह चुके हैं। लिहाजा उन्हें अंतरिम जमानत दी जाए।“

आप नेता ने आगे कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद पर रहेंगे या नहीं, इसका फैसला वो खुद करेंगे ना कि कोर्ट। जिस तरह से बीजेपी वाले लगातार केजरीवाल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, उसे ध्यान में रखते हुए उन्हें सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनना चाहिए। बीते दिनों ये लोग हाईकोर्ट भी गए थे, लेकिन उन्हें वहां निराशा ही हाथ लगी थी। आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट कर दिया कि केजरीवाल मुख्यमंत्री पद पर रहेंगे या नहीं, इसका फैसला वो खुद ही करेंगे, ना कि कोर्ट।”

वहीं, सीएम केजरीवाल को मिली जमानत पर सुप्रीम कोर्ट के वकील शादान फरासात ने कहा, “ईडी द्वारा मार्च में केजरीवाल को गिरफ्तार करने के मामले को हमने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने उस पर सुनवाई की, लेकिन फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने इस पर अब फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी जाती है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले में कई सवाल भी उठाए, जिसे उन्होंने बड़ी बेंच को भेज दिया है। हालांकि, केजरीवाल अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि उनके खिलाफ सीबीआई का भी मामला चल रहा है, जो कि हाईकोर्ट में लंबित है। ऐसे में उन्हें जेल में ही रहना होगा।”

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