राष्ट्रीय: 67 साल बनाम 10 साल देश ने पकड़ी विकास की रफ्तार, मोदी का करिश्मा इस तरह आने लगा नजर
1947 में देश की आजादी के बाद से सबसे ज्यादा समय तक केंद्र की सत्ता पर कांग्रेस ही काबिज रही। 2014 में मोदी सरकार के गठन के बाद से यह इस सरकार का दूसरा कार्यकाल है। ऐसे में देश के विकास की रफ्तार इस दौरान कैसी रही, इस पर गौर करना जरूरी है। 67 साल बनाम 10 साल के विकास की पूरी कहानी आंकड़ों के जरिए समझना होगा। ये आंकड़े अलग-अलग स्त्रोतों से लिए गए हैं।
नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)। 1947 में देश की आजादी के बाद से सबसे ज्यादा समय तक केंद्र की सत्ता पर कांग्रेस ही काबिज रही। 2014 में मोदी सरकार के गठन के बाद से यह इस सरकार का दूसरा कार्यकाल है। ऐसे में देश के विकास की रफ्तार इस दौरान कैसी रही, इस पर गौर करना जरूरी है। 67 साल बनाम 10 साल के विकास की पूरी कहानी आंकड़ों के जरिए समझना होगा। ये आंकड़े अलग-अलग स्त्रोतों से लिए गए हैं।
2014 में मोदी सरकार के आने के बाद और खासकर कोविड की शुरुआत के बाद से जिस तेजी से देश में डिजिटल लेन-देन की गति में तेजी आई, उससे दुनियाभर के देश चौंक गए। 2013-14 में जहां डिजिटल लेन-देन 127 करोड़ के आसपास थी, वहीं, 2023 में यह 18 लाख करोड़ के आसपास आ गया। दुनिया के रियल टाइम ट्रॉजेक्शन का यह 40 प्रतिशत हिस्सा है। ऐसे में यूपीआई के जरिए पेमेंट की इस व्यवस्था को दुनिया के कई देश अपनाना चाहते हैं।
देश में केंद्र सरकार के द्वारा लागू की गई कई योजनाओं में डीबीटी के माध्यम से सीधे बैंक खाते में लाभार्थी को राशि भेजी जा रही है। अभी तक यह राशि 34 लाख करोड़ के आसपास है जो भेजी जा चुकी है, जबकि सबसे बड़ी भ्रष्टाचार की बात इसी में होती थी। पहले कहा जाता था कि केंद्र से भेजी गए 1 रुपये की राशि में से केवल 15 पैसा ही लाभार्थी तक पहुंचता है। लेकिन, सरकार ने इस व्यवस्था को डीबीटी के जरिए करके इससे भ्रष्टाचार भी खत्म कर दिया।
2014 में मोदी 1.0 के गठन के समय देश की जीडीपी भी 2 ट्रिलियन डॉलर की थी जो 2023 में 3.74 ट्रिलियन डॉलर की हो गई। वहीं, देश में एफडीआई के जरिए निवेश भी 2014 के 309 बिलियन डॉलर के मुकाबले 2023 में बढ़कर 596 बिलियन डॉलर हो गया। 2004 से 2014 तक के टैक्स कलेक्शन की बात की जाए तो यह 19 लाख करोड़ रुपए के करीब थी, जिसमें 2014 से लेकर 2023 के बीच 260 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल आया और यह कलेक्शन बढ़कर 19 लाख करोड़ के करीब जा पहुंचा।
आयकर दाताओं की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। जहां 2013-14 में 3 करोड़ 36 लाख आयकर दाता थे, उनकी संख्या 2022-23 में 7 करोड़ 41 लाख हो गई। 2014 तक देशभर में मध्यम वर्ग की औसत आय 4 लाख 40 हजार प्रति वर्ष थी जो 2023 में बढ़कर 13 लाख रुपये प्रतिवर्ष हो गई। इसके साथ ही आंकड़ों की मानें तो देश की 25 करोड़ की आबादी पिछले 10 सालों में गरीबी रेखा से बाहर निकली है।
भारत गांवों का देश है और गांव के विकास को सबसे ज्यादा सड़कों के साथ जोड़ने को लेकर देखा जाता है। बता दें कि आंकड़ों के अनुसार, 2014 तक 55 प्रतिशत गांव सड़कों से जुड़े हुए थे। 2023 के अंत तक देश के 99 प्रतिशत गांवों को सड़कों के जरिए जोड़ा जा चुका है। पीएम मोदी के द्वारा स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत के बाद से गांवों में भी स्वच्छता कवरेज तेजी से बढ़ा है।
देश में पीएम मोदी के द्वारा शुरू की गई जनधन योजना ने देश के 80 प्रतिशत लोगों को बैंकिंग से जोड़ दिया। जबकि यह आंकड़ा उनके आने के पहले 53 प्रतिशत के करीब था। देश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने में डिजिटल इंडिया मिशन ने अहम भूमिका निभाई है। देश में पीएम मोदी के द्वारा चलाई गई उज्ज्वला योजना के लागू होने से पहले 2014 में देश के 14 करोड़ परिवारों के पास एलपीजी का कनेक्शन था। जो 2023 में बढ़कर 33 करोड़ हो गया यानी की यह संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गई।
देशभर के गांवों तक बिजली पहुंचाने का काम नरेंद्र मोदी के सरकार ने शुरू किया। इसके पहले गांवों में औसल बिजली जो प्रतिदिन 12.5 घंटे रहती थी, वह 2023 तक 22.5 घंटे के औसत तक पहुंच गई। गोदामों में रखे सरकारी अनाज जहां पहले वितरण की सुचारू व्वस्था नहीं होने की वजह से सड़ जाते थे। कोविड के बाद से देश के 80 करोड़ लोगों तक यह अनाज आज भी मुफ्त में पहुंच रहा है। किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मोदी सरकार कई योजनाएं लेकर आई। इनके जरिए किसानों को बीज, खाद के साथ सब्सिडी पर कृषि उपकरण तक मुहैया कराने की व्यवस्था की गई। किसानों को पारंपरिक खेती के साथ नकदी खेती पर जोर देने के लिए भी प्रेरित करने के उद्देश्य से कई योजनाएं बनाई गई हैं।
किसानों के लिए संस्थागत लोन की व्यवस्था को भी लचीला बनाया गया ताकि ज्यादातर किसानों की पहुंच यहां तक हो सके। इन दस सालों में किसानों की औसत आय प्रति महीने में भी इजाफा हुआ है। इसके साथ देश में खाद्यान उत्पादन भी तेजी से बढ़ा है। अब देशभर के सड़क निर्माण के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह 2013-14 में यह आंकड़ा 91,287 किलोमीटर था, यह 2022-23 में बढ़कर 1,45,240 किलोमीटर हो गया। फोर लेन हाईवे जो 2013-14 में 18,371 किलोमीटर थी, वह भी इसी तेजी से बढ़ते हुए 2023 में 44,654 किलोमीटर हो गई। इसके साथ मोदी सरकार के दस साल के कार्यकाल में रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण के कार्य में भी तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है।
2013 के 610 किलोमीटर के मुकाबले 2022-23 में यह आंकड़ा 6,565 किलोमीटर का हो गया। देशभर में चलाई जा रही वंदे भारत ट्रेन मोदी सरकार की उल्लेखनीय सफलताओं में से एक है। इसके साथ ही देश में अन्य हाई स्पीड ट्रेनों की शुरुआत और बड़ी संख्या में देशभर के रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशनों के रूप में तब्दील करने की मोदी सरकार की कोशिश भी लोगों को खूब पसंद आ रही है।
बता दें कि जहां 2014 तक हवाई सेवाओं के लिए देशभर में 74 एयरपोर्ट थे, उनकी संख्या 2023 तक बढ़कर 148 हो गई है। शिक्षा के क्षेत्र में भी इन 10 वर्षों में कई उल्लेखनीय कदम सरकार के द्वारा उठाए गए हैं। जैसे 2014 में देशभर में जहां 723 विश्वविद्यालय थे, उनकी संख्या 2023 में 1,113 हो गई है। देशभर में 2014 तक जो 13 आईआईएम थे, उनकी संख्या में भी वृद्धि हुई है और 2023 तक यह संख्या 20 हो गई है। इसके साथ ही देशभर में आईआईटी जो 16 की संख्या में 2014 तक थे, वह 2023 में 23 हो गए।
देश में 2014 के 7 के मुकाबले एम्स की संख्या 2023 में 22 हो गई। देशभर में 2023 तक 704 सरकारी मेडिकल कॉलेज तैयार हो गए जो कि 2014 तक 387 की संख्या में थे। एमबीबीएस और पीजी की सीटों में भी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। 2014 में जहां 51,348 एमबीबीएस और 31,185 पीजी की सीटें हुआ करती थी, 2023 में मेडिकल की सीटें बढ़कर 1,07,948 और पीजी की सीटें 67,802 हो गई। इन 10 सालों में मेडिकल और पीजी की सीटों में दोगुने के करीब की बढ़ोत्तरी हुई है
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