लोकसभा चुनाव 2024: कांग्रेस में अपनी पार्टी विलय करने वाले पूर्व सांसद पप्पू यादव ने पूर्णिया से भरा नामांकन

बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट प्रदेश में 'हॉट सीट' बन गई है। बुधवार को महागठबंधन में शामिल राजद प्रत्याशी बीमा भारती ने पूर्णिया लोकसभा सीट से नामांकन का पर्चा दाखिल किया तो गुरुवार को अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर चुके पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भी नामांकन भरा।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-04-04 10:03 GMT

पूर्णिया, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार की पूर्णिया लोकसभा सीट प्रदेश में 'हॉट सीट' बन गई है। बुधवार को महागठबंधन में शामिल राजद प्रत्याशी बीमा भारती ने पूर्णिया लोकसभा सीट से नामांकन का पर्चा दाखिल किया तो गुरुवार को अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर चुके पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भी नामांकन भरा।

अब इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। जदयू ने यहां से फिर संतोष कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। बिहार महागठबंधन में सीट बंटवारे के समझौते के मुताबिक, राजद 26, कांग्रेस 9 और वाम दल 5 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इस समझौते के मुताबिक पूर्णिया सीट राजद के खाते में है। पूर्णिया सीट से पप्पू यादव ने भी नामांकन का पर्चा दाखिल कर दिया। हालांकि, कांग्रेस में शामिल हुए पप्पू यादव के नामांकन में कांग्रेस पार्टी के कोई वरिष्ठ नेता नहीं पहुंचे।

नामांकन के दौरान समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी। नामांकन के पहले पप्पू यादव अपने माता-पिता से आशीर्वाद लेने पहुंचे। उन्होंने घर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान पूर्व सांसद की मां ने आरती उतारकर और दही, मिठाई खिलाकर नामांकन के लिए भेजा।

पप्पू यादव नामांकन के लिए बुलेट पर सवार होकर समाहरणालय पहुंचे और नामांकन दाखिल किया। उन्होंने पूर्णिया से जीत का दावा किया। इस दौरान भारी संख्या में लोग उनके साथ नज़र आए। पप्पू यादव ने जगह-जगह पर लोगों के पैर छुए और आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में कांग्रेस को पूर्णिया सीट नहीं मिलने के बाद पूर्णिया की जनता के लगातार आग्रह पर उन्होंने अपने नामांकन का फैसला लिया।

पप्पू यादव के नामांकन दाखिल करने के बाद पूर्णिया से त्रिकोणात्मक मुकाबले की उम्मीद की जा रही है। पूर्णिया में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है। बनमनखी, कसबा, धमदाहा, पूर्णिया, कोढ़ा और रूपौली विधानसभा वाले इस सीट पर 2004 से जदयू और भाजपा का कब्जा रहा है। उसके पहले 1999 में पप्पू यादव बतौर निर्दलीय यहां जीत का परचम लहरा चुके हैं।

भाजपा ने पहली बार 1998 में यहां जीत दर्ज की थी। 2004 के चुनाव में भाजपा ने यहां दूसरी बार जीत दर्ज की और उदय सिंह सांसद चुने गए थे। 2009 के चुनाव में भी उन्हें जीत मिली। पूर्व सांसद पप्पू यादव को भी यहां से तीन बार विजयी होने का आशीर्वाद मतदाताओं ने दिया। 2014 और 2019 में जदयू के संतोष कुशवाहा विजयी रहे। इस बार भी वह जदयू के सिंबल पर मैदान में हैं।

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