दिल्ली हाईकोर्ट ने राम रहीम पर अपमानजनक वीडियो हटाने का आदेश दिया
नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पत्रकार और यूट्यूबर श्याम मीरा सिंह को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह के बारे में एक वीडियो को पहली नजर में अपमानजनक मानते हुए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दिया।
नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पत्रकार और यूट्यूबर श्याम मीरा सिंह को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह के बारे में एक वीडियो को पहली नजर में अपमानजनक मानते हुए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दिया।
हालांकि, अदालत ने श्याम मीरा सिंह को को एक नया वीडियो अपलोड करने की आजादी दी और कहा कि इसके लिए उन्हें डिस्क्लेमर देना होगा कि संबंधित कंटेंट राम रहीम की दोषसिद्धि पर ट्रायल कोर्ट के फैसले और अनुराग त्रिपाठी की किताब 'डेरा सच्चा सौदा और गुरमीत राम रहीम' से संबंधित है।
कोर्ट का यह आदेश गुरमीत राम रहीम सिंह द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे के जवाब में आया है। कोर्ट ने कहा कि वीडियो में ट्रायल कोर्ट के फैसले और किताब के अंशों पर आधारित सामग्री थी, लेकिन इसमें कोई डिस्क्लेमर नहीं था।
हाईकोर्ट ने श्याम मीरा सिंह को 24 घंटे के भीतर वीडियो हटाने का निर्देश दिया है। साथ ही जरूरी डिस्क्लेमर के साथ एक संशोधित वर्जन अपलोड करने की अनुमति दी।
सुनवाई के दौरान राम रहीम सिंह के वकील ने वीडियो की वैश्विक पहुंच और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की, विशेष रूप से दोषसिद्धि के खिलाफ सिंह की अपील के साथ मेल खाने वाले समय को देखते हुए।
सिंह के वकील ने तर्क दिया कि वीडियो में केवल ट्रायल कोर्ट के फैसले और उल्लिखित किताब की सामग्री उद्धृत की गई है। अदालत ने वीडियो को हटाने का निर्देश दिया और जरूरी डिस्क्लेमर के साथ संशोधित वर्जन का विकल्प दिया।
सोमवार को हाईकोर्ट ने सिंह के एक ट्वीट पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि वह मजबूरी में गुरमीत राम रहीम से जुड़ा वीडियो प्राइवेट मोड में डाल रहे हैं। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मीरा से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के खिलाफ किए गए अपने ट्वीट डिलीट करने को कहा था।
सोमवार को कोर्ट ने कोर्ट की गरिमा का सम्मान करने की जरूरत पर जोर देते हुए मीरा को भविष्य में ऐसे बयान दोहराए जाने पर अवमानना की चेतावनी दी।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने स्पष्ट किया कि अदालत ने मीरा को वीडियो को निजी बनाने के लिए मजबूर नहीं किया और इस तरह के किसी भी चित्रण को एक गंभीर मामला माना जाएगा। अदालत ने मामले को 10 जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
29 दिसंबर, 2023 को अदालत ने मानहानि याचिका के जवाब में मीरा को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें प्रतिवादी को अपने यूट्यूब वीडियो को हटाने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राम रहीम ने अपने अनुयायियों को धोखा दिया है।
2017 में राम रहीम को दो महिला अनुयायियों के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने के आरोप में 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। 2019 में, उन्हें अपने कर्मचारी रणजीत सिंह की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 2021 में डेरा प्रमुख को एक पत्रकार की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
--आईएएनएस
एफजेड/एसजीके
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