भारत में घट रही आय असमानता : एसबीआई रिपोर्ट

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। वित्तवर्ष 2014-22 के दौरान देश में व्यक्तिगत आय असमानता में काफी गिरावट आई है, जिसमें 36.3 प्रतिशत करदाता कम आय से उच्च आयकर श्रेणी की ओर बढ़ रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप 21.3 प्रतिशत अतिरिक्त आय हुई है। यह बात एसबीआई की एक रिपोर्ट में कही गई।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-08 14:45 GMT

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)। वित्तवर्ष 2014-22 के दौरान देश में व्यक्तिगत आय असमानता में काफी गिरावट आई है, जिसमें 36.3 प्रतिशत करदाता कम आय से उच्च आयकर श्रेणी की ओर बढ़ रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप 21.3 प्रतिशत अतिरिक्त आय हुई है। यह बात एसबीआई की एक रिपोर्ट में कही गई।

एसबीआई अनुसंधान विभाग ने भारतीय संदर्भ में पहली बार असमानता के अनुमान को मापने के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आयकर डेटा का उपयोग किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के आंकड़ों के अनुसार, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच आय वाले व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा दाखिल किए गए आईटीआर में मूल्यांकन वर्ष ए 2013-14 और एवाई 2021-22 में 295 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो प्रवासन की सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है।

10 लाख रुपये से 25 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों द्वारा दाखिल आईटीआर की संख्या में 291 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आयकर दाखिल करने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या मूल्यांकन वर्ष 22 में 70 मिलियन से बढ़कर मूल्यांकन वर्ष 23 में 74 मिलियन हो गई। मूल्यांकन वर्ष 24 के लिए, 31 दिसंबर, 23 तक 82 मिलियन आईटीआर दाखिल किए गए हैं।

रिपोर्ट यह भी बताती है कि वित्तवर्ष 2014-21 के दौरान आय में शीर्ष 2.5 प्रतिशत करदाताओं का योगदान 2.81 प्रतिशत से घटकर 2.28 प्रतिशत हो गया है, जिसका अर्थ है कि अन्य करदाता अधिक योगदान दे रहे हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, ऊर्ध्वगामी गतिशीलता का एक और संकेत यह है कि 19.5 प्रतिशत छोटी कंपनियां एमएसएमई मूल्य श्रृंखला एकीकरण के माध्यम से बड़ी कंपनियों में परिवर्तित हो गई हैं और महामारी के बाद निचली 90 प्रतिशत आबादी की खपत में 8.2 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है।

गिनी गुणांक, जो आय असमानता का एक माप है, की गणना व्यक्तियों की कर योग्य आय के आईटीआर (आय कर रिटर्न) डेटा का उपयोग करके की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुमान से पता चलता है कि वित्तवर्ष 2014-22 के दौरान व्यक्तिगत आय असमानता 0.472 से घटकर 0.402 हो गई है।

गिनी गुणांक 0 से 1 के पैमाने पर असमानता को मापता है, जिसमें उच्च मान उच्च असमानता का संकेत देते हैं।

--आईएएनएस

एसजीके

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